दिल्ली पुलिस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा दंगे 2020 में आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या मामले में फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 10 अक्टूबर को तेलंगाना के मीरपेट से मुंजताजिम को गिरफ्तार किया है। फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की नृशंसता से हत्या कर दी गई थी। 25 फरवरी 2020 को चांद बाग पुलिया के खजूरी नाले में अंकित शर्मा का शव मिला था।
अंकित शर्मा हत्याकांड में आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद ताहिर हुसैन समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि अंकित पर तेज धारदार हथियार से ढेरों वार किए गए थे।अन्य आरोपियों से पूछताछ करने पर मुंतजिम उर्फ़ मूसा कुरैशी का नाम सामने आया थ। वहीं न्यायालय ने भी उसे अपराधी घोषित किया हुआ था और उसकी जानकारी देने पर ₹50000 का इनाम भी घोषित किया गया था।
पुलिस के अनुसार मुंतजिम पिछले छह महीने से तेलंगाना में रह रहा था। दिल्ली पुलिस ने आरोपी का पता लगाने और उसे पकड़ने के लिए स्पेशल सेल की एक टीम तेलंगाना भेजी थी। 10 अक्टूबर की शाम लगभग 5:15 बजे आरोपी मुंतजिम उर्फ मूसा कुरैशी को तेंलगाना में एक केमिस्ट की दुकान से गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी मूसा आठवीं फेल है और सिलाई का काम किया करता था, उस पर अपहरण और बलात्कार का भी मुकदमा दर्ज है। 2018 में वह मुंबई गया था, जहां पर बकरियों की खरीद-फरोख्त करने का काम करता था। उसके पश्चात वह दिल्ली आ गया था, और यहाँ 2020 में उसने यह जघन्य हत्याकांड कर डाला। दिल्ली पुलिस आरोपी के पीएफआई के साथ संबंधों की भी जांच कर रही है।
दिल्ली दंगे और अंकित शर्मा की नृशंस हत्या
अंकित के बड़े भाई अंकुर शर्मा के अनुसार उन दिनों दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हो रहे थे, और अंकित शाम को चार बजे ही अपने घर लौटे थे।उनके घर के नजदीक ही चांद बाग पुलिया पर आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के घर से लगातार फायरिंग हो रही थी। अंकित यह घटनाक्रम देख रहे थे, तभी अचानक जिहादियों ने उनपर हमला कर दिया। अंकुर के अनुसार उसके बाद किसी ने अंकित को नहीं देखा।
जब शाम तक वह वापस नहीं लौटे तो उनकी तलाश शुरू की गई और दिल्ली पुलिस को भी इस बारे में सूचना दी गयी थी। रातभर अंकित को ढूंढते रहे लेकिन उनके बारे में किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं मिली। अगले दिन अंकित शर्मा का शव अत्यंत ही आपत्तिजनक अवस्था में एक नाले में मिला था। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के अनुसार अंकित शर्मा की हत्या चाँदबाग में 10 लोगों ने मिल कर की थी। इनमें ताहिर हुसैन के साथ-साथ हलील सलमान, समीर, नाजिम और कासिम नाम के कुख्यात अपराधी भी लिप्त थे।
पोस्टमॉर्टम के अनुसार अंकित शर्मा के शरीर का एक भी भाग ऐसा नहीं था, जिसमें चाकू के गहरे घाव न हों। डॉक्टर ने लिखा है कि 400 से ज़्यादा बार उन्हें चाकुओं से गोदा गया। उनकी आँत को शरीर से बाहर निकाल दिया था। फोरेंसिक डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह से यातना का शिकार और क्षत-विक्षत शव उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा।
कौन थे अंकित शर्मा?
देश की सेवा करने और समाज को सुरक्षित बनाने की इच्छा रखने वाले अंकित शर्मा साल 2017 में आईबी में भर्ती हुए थे। अंकित के पिता का नाम रविंदर शर्मा है जो आईबी में ही हेड कांस्टेबल हैं। रविंदर शर्मा ने बताया कि उनका बेटा बड़ा ही होनहार था। अभी उसकी शादी नहीं हुई थी। अंकित के लिए होनहार लड़की की तलाश परिजन कर रहे थे।
अंकित शर्मा का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाला है। अंकित शर्मा दिल्ली के खजूरी में परिवार के साथ रहते थे। उन्होंने बारहवीं तक की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 2015 में दिल्ली के हंसराज कॉलेज से स्तानक की पढ़ाई पूरी की थी।
अंकित शर्मा हत्याकांड ने देश भर में लोगों को झकझोर दिया था। लोगों के मन में प्रश्न उठने लगे थे, कि जब एक युवक जो आईबी जैसे प्रतिष्ठित सुरक्षा संगठन में कार्यरत था, उसी की ऐसे नृशंसता से हत्या की जा सकती है, ऐसे में आम इंसान अपने प्राण कैसे बचा पायेगा? इस घटना ने जहाँ देश के सुरक्षा प्रतिष्ठानों की क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगाया था, वहीं दूरी तरफ जिहादी तत्वों के ऊंचे हौंसलों को भी दिखाया था।