आज देश हर तरफ हो रही हिन्दू विरोधी और महिला विरोधी जिहादी घटनाओं से त्रस्त हो गया है। कहीं ‘सर तन से जुदा‘ के नाम पर हत्याएं की जा रही हैं, कहीं लव जिहाद के मामले हो रहे हैं, और कहीं कट्टर मुस्लिम हिन्दुओं पर लक्षित हमले कर रहे हैं। ऐसी ही एक वीभत्स घटना बिहार के कटिहार जिले में घटी है, जहां एक जिहादी मोहम्मद शमीम ने एक हिन्दू महिला पर हमला कर एक तेज धार वाली लकड़ी के टुकड़े से उसकी आँखें फोड़ दी। उस महिला की 8 वर्षीय बेटी भी वहीं थी, जो गंभीर रूप से घायल हो गई।
कटिहार के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि, ‘हमने घटना के कुछ घंटों के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। महिला ने अपने बयान में कहा है कि उसने बुरी नीयत से उससे संपर्क किया था और उसने इसका विरोध किया था। हम आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं, और जल्दी ही इस विषय पर और जानकारी जल्द ही साझा की जायेगी।
सूत्रों के अनुसार पीड़ित महिला बिंद समुदाय से आती है, जो अनुसूचित जाति में गिनी जाती है। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया है, जहां चिकित्सक उसकी स्थिति का आंकलन कर रहे हैं। चिकित्सक के अनुसार महिला की दोनों की आंखें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं और वह देख नहीं पा रही है। चिकित्सकों के अनुसार अभी यह कहना कठिन होगा कि वह फिर से देख पाएगी भी या नहीं।
यह भयानक घटना बुधवार दिनांक 13 जुलाई 2022 की रात को अमदाबाद पुलिस थाना इलाके के अंतर्गत आने वाले डकरा तटबंध के पास हुई। घटना की प्रत्यक्षदर्शी आठ वर्षीय लड़की ने बताया कि, “मोहम्मद शमीम बुधवार और गुरुवार के रात को लगभग 12.10 बजे हमारे घर आए और मेरी मां को फोन किया। जब वह उसके पास गई, तो उसने मेरी मां को तटबंध पर चलने को कहा, जिसके लिए माँ ने मना कर दिया। इस बात से गुस्सा हो कर शमीम ने मेरी माँ को पीछे से पकड़ लिया और जूट के खेत में घसीटते हुए ले गया।”
लड़की के अनुसार “मोहम्मद शमीम ने मेरी मां के हाथ बांध दिए और उसके मुंह में जूट के पत्ते भर दिए, ताकि वह शोर ना मचा सके। फिर उसने एक तेज धार वाली की नाखून वाली लकड़ी से आंखों पर हमला कर दिया।” यह घटना उस लड़की के सामने ही घटी और उसने पड़ोसियों को बुलाने के लिए शोर भी मचाया, इससे पहले कोई वहां बचाव के लिए आता, शमीम अपराध स्थल से भाग गया।
पीड़िता की मां अनारवती देवी ने बताया कि आरोपी मोहम्मद शमीम से उसकी कोई दुश्मनी नहीं है। उनका दामाद तो दिल्ली में एक मामूली दिहाड़ी मजदूर है, जो 6 दिन पहले ही दिल्ली गया है। उसकी एवं परिवार में अन्य किसी की भी मोहम्मद शमीम से किसी भी प्रकार की निजी दुश्मनी नहीं है। उसने इतना भयानक अपराध क्यों किया, मेरी बेटी पर हमला क्यों किया यह हमारी समझ से बाहर है।
यह विषय बड़ा ही संदिग्ध हो गया है, पीड़िता के परिवार वालो के अनुसार उनकी आरोपी से कोई दुश्मनी नहीं थी, और वह नहीं जानते उन पर हमला क्यों किया गया। वहीं पुलिस शुरू से इसे निजी दुश्मनी का मामला बता कर हाथ झाड़ना चाह रही है। इन दिनों हो रही जिहादी घटनाओं को देखते हुए यह विश्वास करना कठिन है कि यह एक निजी दुश्मनी का मामला है। इस विषय की गहन जांच होनी चाहिए और यह भी देखना चाहिए कि इसमें मजहबी हिंसा का कोई पक्ष तो नहीं।
बिहार में कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है, खासकर महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही रही है। आपराधिक आंकड़ों के अनुसार अधिकांश पीड़ित महिलाएं समाज के कमजोर वर्गों से आती हैं, और उनकी सुनवाई भी नहीं होती है। पिछले ही दिनों ऐसे ही समस्तीपुर जिले में एक दलित नाबालिग लड़की का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया गया।
यह एक बड़ी चिंतित करने वाली बात है, और सरकार एवं समाज को महिलाओं की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए। वहीं इस घटना पर महिलावादियों और ‘जय मीम जय भीम’ वालों की चुप्पी भी ढेरों प्रश्न उठा रही है। यहाँ आरोपी के मजहब को देखते हुए इस विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर कोई शोर नहीं मचा रहा है।