ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर से खालिस्तानी तत्वो द्वारा हिन्दुओं पर आघात के समाचार आए हैं। इस बार उन्होंने मेलबर्न के हिन्दू मंदिर पर हमला किया है और उसमें तोड़फोड़ की है। ऑस्ट्रेलिया में हाल ही के दिनों में खालिस्तानी तत्वों द्वारा हिन्दुओं एवं हिन्दू मंदिरों पर हमले की कई घटनाएँ हुई हैं।
यह घटना 12 जनवरी की है। ऑस्ट्रेलियाटुडे के अनुसार, मेलबर्न के मिल पार्क में स्वामी नारायण मंदिर की दीवारों पर विकृत नारे लिखे हुए थे। ऑस्ट्रेलिया टुडे से बातचीत करते हुए श्रीमान पटेल (जिन्होनें प्रतिकार के भय से अपना पहला नाम नहीं बताया था) कहा कि वह काम पर जाने से पहले हर रोज मंदिर जाते हैं। जब वह आज मंदिर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मंदिर की दीवारों पर हिन्दू विरोधी एवं खालिस्तानी नारे लिखे हुए हैं। मंदिर की दीवारों पर हिन्दुस्तान मुर्दाबाद लिखा हुआ था।
पटेल यह देखकर दुखी हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें खालिस्तानी तत्वों द्वारा इस प्रकार शांतिप्रिय हिन्दू समुदाय के प्रति धार्मिक घृणा के प्रदर्शन से गुस्सा आ रहा है और वह बहुत दुखी हैं।
ऑस्ट्रेलिया टुडे में प्रकाशित इन तस्वीरों से देखा जा सकता है कि केवल उन्होंने हिन्दुस्तान मुर्दाबाद ही नहीं लिखा बल्कि हजारों हिन्दुओं को मारने वाले आतंकी भिंडरावाला को भी “शहीद” के रूप में लिखा।ऐसा नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी तत्वों ने पहली बार ऐसी हरकत की है। ऑस्ट्रेलिया टुडे ने ही कई बार ऐसी घटनाओं को अपने पोर्टल में बताया है कि कैसे खालिस्तानी तत्व हिन्दुओं को आतंकित कर रहे हैं। इसी पोर्टल में बताया था कि कैसे विक्टोरियन सरकार से वित्त पोषित सिख पर्व को खालिस्तानी प्रोपोगंडा के लिए प्रयोग कर लिया गया था।
विक्टोरियन सिख गुरदास काउंसिल द्वारा 19 नवम्बर 2022 को आयोजित नगर कीर्तन एवं जुलूस में खालिस्तान के झंडे लहराए गए और साथ ही खालिस्तान की समर्थक पुस्तकें एवं टीशर्ट भी वितरित की गईं। यह देखकर भारतीय समाज के लोग भौचक्के रह गए थे क्योंकि उनके लिए यह सब अविश्वनीय था। खालिस्तानी आतंक का नाम अभी तक देश की देह में सिहरन पैदा कर देता है। क्योंकि खालिस्तानी तत्वों ने हजारों हिन्दुओं एवं सिखों की हत्याएं की थीं।
भारत में इस आतंक के घाव अभी तक ताजा हैं। जो इस आतंक के शिकार हुए थे, वह अभी तक सिहर जाते हैं। ऐसी ही एक पीड़िता सुखजीत कौर ने ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया था कि “जैसे ही मैंने सोचा कि मेलबर्न में गुरुद्वारा और नगर कीर्तन में समय बिताना बहुत अच्छा अवसर है तो वैसे ही यह खालिस्तानी समर्थक इसे नष्ट करने के लिए आ गए!”
वह खालिस्तानी आतंक की शिकार रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लगता था कि कहीं न कहीं वह खालिस्तानी आतंक की बुरी यादों को पीछे छोड़ आई हैं, मगर अब उन्हें लग रहा है कि जैसे वही बुरे दिन वापस आ गए हैं! उनके दादा इस आतंक का शिकार हुए थे। विक्टोरियन सिख गुरुद्वारा काउंसिल विक्टोरिया में सिख गुरुद्वारा का प्रतिनिधित्व करती है और इस संस्था को कोरोना महामारी के बाद इस आयोजन के लिए विक्टोरियन सरकार ने काफी बड़ा अनुदान भी दिया था।
इतना ही नहीं एक और अन्य घटना में मेलबर्न में आयोजित खालिस्तान कार रैली को हालाँकि समर्थन प्राप्त नहीं हुआ था मगर वह कई लोगों को डराने में सफल अवश्य रही थी। दिसंबर में आयोजित इस कार रैली का उद्देश्य था खालिस्तान के लिए जनसमर्थन प्राप्त करना। इस रैली में कुख्यात सिख फॉर जस्टिस के भी सदस्य अपने विघटनकारी एजेंडे के साथ उपस्थित थे जो कनाडा और अमेरिका से आए थे। यह लोग भारत को विभाजित करना चाहते हैं और हिंसक तरीकों से भारत से अलग खालिस्तान राज्य बनाना चाहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया टुडे के अनुसार सरकार द्वारा ऐसी हर घटना पर नजर रखी जा रही है जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है और मंत्रालय इस बात पर भी चिंतित है कि कैसे विदेशों से भड़काऊ लोग यहाँ आ रहे हैं और लोगों को भड़का रहे हैं। अवतार सिंह पन्नू और खालिस्तान के स्थानीय समर्थकों की टीम लगातार ही कई गुरुद्वारों में सिख समुदायों को खालिस्तान से जुड़ने के लिए लिंक भेज रही है कि वह आएं और इस अभियान से जुड़ें!
हालांकि दिसंबर में हुए इस आयोजन के प्रति लोगों की अतिरिक्त जागरूकता ने इस आयोजन को विफल कर दिया था, फिर भी यह घटना उन लोगों के दिल में भय भरने में सफल रही थी, जो इस आतंक का शिकार रह चुके हैं!
इन्हीं घटनाओं में यह नई घटना है जो कल हुई है। जिसमें मंदिर पर हमला किया गया है।
देखना होगा कि इन घटनाओं पर सरकार का क्या दृष्टिकोण रहता है। भारत सरकार का दृष्टिकोण क्या रहता है? क्योंकि ऑस्ट्रेलिया टुडे की टीम को यह भी पता चला कि खालिस्तानी तत्वों ने अपने इस “वीरतापूर्ण” कृत्य का वीडियो बनाया है और उसे सोशल प्लेटफॉर्म पर साझा कर रहे हैं कि उन्होंने कितना “वीरतापूर्ण” कार्य किया है।
दुर्भाग्य की बात यही है कि भारत से प्रेम करने वाले वर्ग पर खालिस्तानी तत्वों का हमला लगातार बढ़ता जा रहा है और यह कहीं से भी न ही देश और न ही समाज के हित में है।