spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
22.6 C
Sringeri
Thursday, April 25, 2024

पाकिस्तान में हिन्दू महिला के साथ बर्बरता की हर सीमा पार: छीली खाल तो सिर किया तन से जुदा, वहीं बांग्लादेश में भी हिन्दुओं के लिए हालात बदतर हो रहे!

भारत में ही मात्र हिन्दू युवतियों के शवों के सिर गुम होते हों ऐसा नहीं है। पाकिस्तान में और बांग्लादेश में भी यह सब होता रहता है। हालांकि बांग्लादेश के हिन्दू कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनका उत्पीडन रुक सकता है यदि भारत की सरकार उनके लिए आवाज उठाए! पाकिस्तान और बांग्लादेश से रोज ही हिन्दुओं के उत्पीडन के समाचार आते रहते हैं और यह भी सत्य है कि उनकी पीड़ा पर प्रतिरोध तो क्या विमर्श भी नहीं होता है।

पाकिस्तान से एक नहीं कई समाचार आ रहे हैं तो वहीं बांग्लादेश से भी हिन्दू स्त्रियों की हत्या के समाचार आए हैं। ऐसे में प्रश्न यही उठता है कि आखिर हिन्दू कहाँ जाए? आखिर हिन्दुओं के लिए आवाज उठाने के लिए कौन है? व्यवस्थागत स्तर पर कौन है जो उनकी पीड़ाओं पर आवाज उठा रहा है!

पाकिस्तान में भील समुदाय की एक महिला की हत्या इतने बुरे तरीके से की गयी है कि आत्मा तक कांप जाए। संघर जिले के सिंजोरो कस्बे से एक मामला सामने आया है। सिंझोरो शहर में एक हिन्दू भील महिला दया भील का सिर तन से जुदा कर दिया गया और फिर उसके शरीर और चेहरे से खाल तक उतार दी गयी। महिला का शव बहुत ही बुरी स्थिति में प्राप्त किया गया था।

यह भी पता चला है कि इस महिला का सिर भी काटा गया और उसकी बाहों को भी धारदार हथियार से काटा गया। उसके पूरे शरीर पर नुकीले हथियारों के निशान थे और साथ ही उसे टुकड़ों में काटा गया। सिंझोरो पुलिस ने पीड़िता के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इसके साथ ही पुलिस ने यह भी कहा कि वह मामले की जांच कर रहे हैं।

इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यकों का ख्याल रखने के लिए कहा और यह भी कहा कि उसे अपने यहाँ के अल्पसंख्यकों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

परन्तु यही घटना ही तो एकमात्र नहीं है। यदि महेश वासु की ट्विटर टाइम लाइन देखें तो जबरन मजहबीकरण की कई घटनाएं दिख जाएँगी। २५ दिसंबर को ही एक हिन्दू बच्ची सोनम के अपहरण और बलात्कार एवं निकाह का समाचार था

इतना ही नहीं एक हिन्दू लड़के को मात्र इसलिए पैगम्बर की बुराई के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसने अपने पोस्ट में भगवान के लिए “मौला” शब्द का प्रयोग कर लिया था और जो उसने हिन्दू लड़कियों के अपहरण, मजहबीकरण एवं निकाह के विरोध में लिखी थी।

वह पिछले एक महीने से जेल में है। वह 22 नवम्बर को गायब हो गया था। बाद में उसके परिवार को यह बताया गया कि उसे एक फेसबुक पोस्ट के आधार पर हिरासत में ले लिया गया है। उस पोस्ट में उसमें भगवान से शिकायत की थी कि जब घरों से उसकी बहनों को ले जाया जा रहा है तो ऐसे में वह क्यों गायब है?

जहाँ भारत में हिन्दुओं के खिलाफ कोई भी कुछ भी बोल सकता है और भारत में मौलाना यह भी बोल सकते हैं कि जब मुस्लिम अधिक होंगे तो राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई जा सकती है।

मगर बार –बार मुस्लिमों पर कथित रूप से हो रहे अत्याचारों पर भारत को घेरने वाला पाकिस्तान अपने यहाँ अल्पसंख्यकों का क्या हाल करता है, वह लव कुमार पर हुई एफआईआर को देखकर समझा जा सकता है।  भारत में सैकड़ों वर्षों की प्रतीक्षा के बाद बने मंदिर को तोड़कर भी मस्जित बनाने की बात मौलाना मीडिया पर कर सकते हैं, इतनी आजादी है, परन्तु फिर भी हिन्दू असहिष्णु हैं और लव कुमार को पैगम्बर की आलोचना के आरोप में बंद करने वाले लोग सहिष्णु हैं।

पहले भारत का अंग रहे बांग्लादेश में हिन्दुओं की स्थिति अच्छी नहीं है। वहां पर भी दिनों दिन ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें हिन्दू लड़कियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है।  बांग्लादेश के हिन्दू कार्यकर्ताओं का कहना है कि बांग्लादेशी हिन्दुओं पर हमले केवल तभी कम हो सकते हैं, जब भारत की सरकार पूरे विश्व में हिन्दुओं के पक्ष में स्पष्ट पक्ष ले। उनका कहना है कि ईसाई और बौद्ध जैसे दूसरे अल्पसंख्यकों को कम भेदभाव का सामना करना पड़ता है क्योंकि बांग्लादेश की सरकार को पश्चिम एवं बौद्ध देशों से विपरीत प्रतिक्रिया का डर रहता है।

कार्यकर्त्ता ने कहा कि

कार्यकर्ताओं ने कहा कि विक्रम दोरईस्वामी (अक्टूबर 2020 से सितंबर 2022 तक बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त और वर्तमान में यूके में उच्चायुक्त) इस बात का सबसे बेहतर उदाहरण हैं कि भारतीय राजनायिक किस सीमा तक हिन्दुओं की समस्याओं के प्रति उदासीन रहते हैं। उनका कहना है कि वह मुस्लिम मजारों और दरगाहों में जाने में व्यस्त रहे, जबकि हिन्दू नित ही हमलों का सामना कर रहे थे।

यदि हम रिकार्ड्स को भी देखें तो आईसीसीआर अर्थात भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के तत्कालीन महानिदेशक, राजनयिक दिनेश पटनायक ने भी पिछले साल हिंदू-विरोधी नरसंहार को एक “छोटी घटना” के रूप में बताकर हिन्दुओं के प्रति अपनी असंवेदनशीलता प्रदर्शित की थी। पटनायक वर्तमान में स्पेन में भारत के राजदूत हैं।

जब कार्यकर्ताओं से यह पूछा गया कि क्या वे रमना काली मंदिर के भारत सरकार के पुनर्निर्माण जैसे प्रयासों से खुश हैं, जिसे 1971 के नरसंहार के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा नष्ट कर दिया गया था, कार्यकर्ताओं ने कहा कि इससे कहीं और अधिक किया जाना है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से उन पर होने वाले उत्पीड़न में मामूली कमी आई है।

पकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाली हिन्दू उत्पीडन की घटनाएं हिन्दुओं के उस उत्पीड़न की साझा कहानी कहती हैं, जो उन पर मजहबीकरण के चलते पकिस्तान, बांग्लादेश के साथ साथ उनके अपने देश भारत में भी हो रही हैं। क्योंकि यदि लव कुमार को जेल में डाल दिया गया है तो नुपुर शर्मा भी कानूनी रूप से यद्यपि सजा नहीं काट रही है, परन्तु वह सार्वजानिक जीवन से जैसे गायब हो गयी है और उनका भी सिर तन से जुदा होने की धमकी न जाने कितनी बार दी गयी है और उनका समर्थन करने वालों का तो सिर काट ही दिया गया है!

फिर भी वैश्विक विमर्श में हिन्दू असहिष्णु है एवं सिर तन से जुदा करने वाले एवं संदेह के आधार पर पैगम्बर की बुराई के चलते जेल में डालने वाले लोग सहिष्णु!

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.