spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
22.2 C
Sringeri
Wednesday, April 24, 2024

‘नेशनल हेराल्ड केस’ में ईडी का समन मिलते ही सोनिया गाँधी हुईं कोरोना पीड़ित, क्या यह जांच को प्रभावित करने का षड्यंत्र है?

भारत में पिछले कुछ दिनों में राजनीतिक परिदृश्य बड़ी तेजी से बदल रहा है, जहां एक तरफ विपक्षी दल सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी एजेंसियां भी कड़ी कार्यवाही करने से पीछे नहीं हट रही हैं। ताजा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद राहुल गांधी को समन भेजा है, यह समन नेशनल हेराल्ड से जुड़े धन के अवैध लेन देन के विषय में भेजा गया है।

ऐसा प्रचारित किया जा रहा है कि सीबीआई ने इस विषय की जांच बंद कर दी थी, लेकिन फिर भी कांग्रेस नेतृत्व को परेशान करने के लिए ये समन भेजा गया है। कांग्रेस ने इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हमारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस दिया गया है। 1942 में जब नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू हुआ था, उस समय अंग्रेजों ने इसे दबाने की कोशिश की, आज भी यही किया जा रहा है और इसके लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने सरकार पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा, ‘ना हम डरेंगे और ना झुकेंगे नहीं, डटकर लड़ेंगे, यह एक राजनीतिक लड़ाई है। समन कुछ दिन पहले भेजा गया था, जरूरत हुई तो सोनिया गांधी निश्चित रूप से जाएंगी और राहुल गांधी के लिए हम कुछ समय मांगेंगे। ईडी ने उन्‍हें 8 जून से पहले पूछताछ के लिए बुलाया है।’ सुरजेवाला ने दावा किया कि न तो मनी लॉन्ड्रिंग और न ही मनी एक्‍सजेंच का कोई सुबूत है।

वहीं कांग्रेस नेता के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह बदले की भावना में अंधी हो गई है। हमें डराने के लिए ऐसा किया जा रहा है, लेकिन हम न डरेंगे और न झुकगें, डटकर इसका सामना करेंगे। कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा कि ED ने 8 जून को राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया है, सोनिया इस पूछताछ में जरूर शामिल होंगी, राहुल गाँधी फिलहाल विदेश गए हैं, अगर वह तबतक वापस आ गए तो जाएंगे, वरना ईडी से और वक्त मांगा जाएगा।

सोनिया गांधी हुईं कोरोना पॉजिटिव – ईडी की पूछताछ से बचने का बहाना?

कांग्रेस पार्टी ईडी का समन मिलते ही केंद्र सरकार पर आक्रामक हो गयी थी, लेकिन यह कुछ ही घंटो में उनका गुस्सा शांत हो गया, क्योंकि सोनिया गाँधी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गयी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पिछले सप्ताह से नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात कर रही थीं। इनमें से कुछ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए, कांग्रेस अध्यक्ष को भी बुधवार की शाम हल्का बुखार आया और कोविड के कुछ अन्य लक्षण दिखे जिसके बाद जांच कराई गई, जांच में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चला।’’

सुरजेवाला के अनुसार पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। सभी नेता चिकित्सीय परामर्श ले कर पृथकवास में चले गए हैं। बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों ने चिंता जताई है, ऐसे में हम यह कहना चाहते हैं कि वह ठीक हैं और उनकी सेहत में सुधार हो रहा है, हम शुभकामनाओं के लिए आभार प्रकट करते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष आठ जून को ईडी के समक्ष पेश होंगी, जैसा कि हमने पहले सूचित किया था। कांग्रेस पार्टी भविष्य के घटनाक्रमों के बारे में सूचना देती रहेगी।’’

हम यहाँ यह तो नहीं कहेंगे कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी कोई बहाना बना रही होंगी, लेकिन भारतीय राजनीति में ऐसा देखा जाता है, कि जब भी कोई नेता या नेत्री किसी गंभीर मामले में फंसता है, या उन पर कोई कानूनी कार्यवाही होती है, तो सबसे पहले उनकी तबियत खराब हो जाती है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां गिरफ्तार होने या कोर्ट के समक्ष पेश होने से पहले नेताओं की तबियत बिगड़ने लगती है। यहाँ प्रश्न उठता है कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष कोरोना का बहाना बना कर ईडी से बचना चाह रही हैं? या वह थोड़ा समय लेना चाहती हैं, ताकि केंद्र सरकार पर राजनीतिक दबाव डाल कर इस जांच को प्रभावित कर सकें? खैर, यह तो समय ही बताएगा।

समझिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस

नेशनल हेराल्ड एक समाचार पत्र है, जिस पर कांग्रेस पार्टी का स्वामित्व है और वही इसका संचालन इतने दशकों से करती आ रही है। वर्ष 1937 में जवाहरलाल नेहरू ने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड का गठन किया था, जिसके अंतर्गत उन्होंने तीन समाचार पत्र प्रकाशित करने आरम्भ किए थे। हिंदी में नवजीवन, उर्दू में कौमी आवाज़ और अंग्रेज़ी में नेशनल हेराल्ड नाम से यह समाचार पत्र छापे जाते थे। वर्ष 2008 में एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड ने निर्णय किया कि अब वह समाचार पत्र छापने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रह गयी थी, उन पर 90 करोड़ का ऋण चढ़ चुका था।

ऐसे आरोप लगाए गए हैं कि वर्ष 2010 में कांग्रेस ने 50 लाख के निवेश से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी बनाई, जिसमें 76% हिस्सेदारी राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी की थी। बाकी 24% की हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस की थी, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। वित्तीय चुनौतियों से त्रस्त एजेएल का अधिग्रहण यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने बहुत ही कम दामों पर कर लिया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार गाँधी परिवार के मित्र सुमन दुबे और सैम पित्रोदा यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक थे।

वर्ष 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अदालत में एक जनहित याचिका प्रस्तुत की, जिसमे उन्होंने कांग्रेस पर नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड के अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। सुब्रमण्यम स्वामी ने जनहित याचिका में कहा था कि मात्र 50 लाख रुपये खर्च करके 90 करोड़ रुपयों की वसूली कर ली गई।

यह आयकर अधिनियम का सीधा सीधा उल्लंघन था, क्योंकि कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी तीसरे पक्ष के साथ ऐसे धन का लेन-देन नहीं कर सकती। स्वामी के अनुसार कांग्रेस ने पहले यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 90 करोड़ का लोन दिया, जिस पैसे से इस कंपनी एजेएल का अधिग्रहण किया, फिर अकाउंट बुक्स में हेर-फेर करके उस रकम को 50 लाख दिखा दिया यानी 89 करोड़ 50 लाख रुपये माफ कर दिए गए।

फिलहाल तो ईडी को सोनिया गांधी और राहुल गाँधी से जल्द ही पूछताछ कर इस विषय पर गहन जांच करनी चाहिए। जो आरोप लगाए गए हैं वह अत्यंत गंभीर हैं, और पूरे देश की आँखें इस केस पर लगी हुई हैं, यह देखना आश्चर्जनक होगा कि इस मामले में क्या कार्यवाही होती है। प्रश्न यह भी है कि क्या कभी बड़े लोगों पर कोई कार्यवाही हो सकेगी कभी?

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.