तेलंगाना में प्रथम वर्ष की एक मेडिकल की छात्रा धारावती प्रीती ने द्वितीय वर्ष में पढ़ रहे एस ए सैफ की प्रताड़ना के चलते आत्महत्या का प्रयास किया है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है और उनकी स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है।
पीड़ित छात्रा के पिता का आरोप है कि डॉ सैफ उनकी बेटी को लगातार प्रताड़ित करता था और उसे नीचा दिखाने के लिए तरह तरह की फब्तियां कसता था। वह उनकी बेटी को परेशान कर रहा था और उनकी बेटी ने डॉ सैफ से कई बार अनुरोध भी किया था कि वह ऐसा न करे।
प्रीती अभी निजाम इंस्टीट्युट ऑफ मेडिकल साइंस में अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रही है।
प्रीती वारंगल में कैकेत्य मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया की छात्रा है, जिसने अपने डॉ सैफ द्वारा की जा रही रैगिंग से परेशान होकर यह कदम उठाया है।
पुलिस ने सैफ को हिरासत में ले लिया है। और उसे गिरफ्तार करने के बाद वारंगल पुलिस आयुक्त ए वी रंगनाथ ने पत्रकारों से कहा कि उसे लड़की के आत्महत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सैफ के खिलाफ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के प्रावधानों को भी लागू किया।
पुलिस आयुक्त ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अपमानजनक व्यवहार भी रैगिंग की श्रेणी में आता है।
पुलिस का कहना है कि “यह स्पष्ट है कि सैफ द्वारा इस लड़की को निशाना बनाकर उत्पीडन किया जा रहा था। वह एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसका अपमान करने के लिए टिप्पणी कर रहा था”।
इतना ही नहीं पुलिस ने एनेस्थीसिया के एमडी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी डेटा प्राप्त किया है। सैफ ने 18 फरवरी को एक केस स्टडी के विषय में ग्रुप में एक टिप्पणी की थी, जिसके बाद प्रीती ने सैफ को एक व्यक्तिगत सन्देश भेजकर आपत्ति दर्ज की थी कि वह इस प्रकार उसके विरुद्ध टिप्पणी न करें।
प्रीती ने शेष छात्रों से कहा था कि सैफ ने यह टिप्पणी की थी कि उसके पास दिमाग नहीं है। पुलिस का कहना है कि चूंकि मेडिकल कॉलेज अभी बॉस वाली कार्यसंस्कृति है तो यहाँ पर कनिष्ठ छात्रों को अपने वरिष्ठों को सर कहकर संबोधित करना पड़ता है, तो ऐसे में सैफ को शायद लड़की से सवाल करना पसंद नहीं आया।
प्रीति ने 20 फरवरी को अपने पिता नरेंद्र से प्रताड़ना की शिकायत की। उन्होंने इस विषय को पुलिस के सामने उठाया और साथ ही बाद में विभाग के प्रमुख ने 21 फरवरी को सैफ और प्रीति से अलग-अलग बात की। सैफ ने लड़की को परेशान करने से इनकार किया लेकिन प्रीती ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है।
लड़की 21 फरवरी की रात एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अगली सुबह अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे बेहोशी की हालत में पाया। उसे उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे हैदराबाद के एनआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया था।
डॉक्टरों और एचओडी ने पुलिस को बताया कि ऐसा कार्डियक अरेस्ट के कारण हो सकता है। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि उन्हें थायराइड जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं।
परन्तु पुलिस का मानना है कि लड़की ने कोई इंजेक्शन लिया था। उनका कहना है कि “हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन चैट और जो कुछ हुआ था, उसके आधार पर हमारा विचार है कि लड़की ने निश्चित ही आत्महत्या का ही प्रयास किया था।”
रंगनाथ ने कहा कि प्रीति को दी गई एनेस्थीसिया इमरजेंसी किट में सक्सिनिलकोलाइन इंजेक्शन की सील सही पाई गई।
इस इंजेक्शन को तंत्रिका और मांसपेशियों में आराम के लिए प्रयोग किया जाता है। कमिश्नर ने कहा, “प्रीति ने गूगल पर सर्च किया था कि क्या होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति सक्सिनिलकोलाइन लेता है।”
किट में दो इंजेक्शन खुले मिले। पुलिस को शक है कि उसने फेंटेनिल का सेवन किया था। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल सर्जरी के दौरान और बाद में होने वाले गंभीर दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। पुलिस कमिश्नर ने कहा, ‘हम टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।’
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसे एक लव जिहाद का मामला बताया है। तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी के राज्य के अध्यक्ष संजय कुमार का कहना है कि यह मामला लव जिहाद का प्रतीत होता है, और इलाज आदि के नाम पर इसलिए समय लिया जा रहा है, जिसे छात्र संगठनों के क्रोध को कम किया जा सके! उनका कहना है कि इस मामले की गंभीरता से जांच कराए जाने की आवश्यकता है।