सोमवार दिनांक 30 मई को एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को पिछले कुछ वर्षो से चल रहे एक मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले ही महीने सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के लोगो से जुड़ी कंपनियों की करोड़ों रूपए की सम्पत्तियाँ कुर्क की थी, जिनका मूल्य 4.81 करोड़ रुपये था। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा वर्ष 2018 में दर्ज इस मामले में सत्येंद्र जैन से कई बार पूछताछ भी की जा चुकी थी। एजेन्सी के अनुसार जैन उनसे सहयोग नहीं कर रहे थे, इस कारण उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा।
वहीं इस गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में राजनीतिक पारा बढ़ चुका है, जहां विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल को उलाहना देते हुए सत्येंद्र जैन पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने इस गिरफ्तारी का तीखा विरोध किया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और पार्टी के अन्य बड़े नेताओं ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन के विरुद्ध 8 साल से एक फर्जी केस चलाया जा रहा था, और यह गिरफ्तारी एक हिमाचल प्रदेश में होने वाले चुनावों को लेकर एक राजनीतिक षड्यंत्र है।
जानिये क्यों सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया है?
सत्येंद्र जैन के विरुद्ध सीबीआई ने 2017 में एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी थी, यह कार्य भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कानून के अंतर्गत किया गया था, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसी रिपोर्ट के आधार पर यह केस बनाया है। सीबीआई ने सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर आरोप लगाया था, और कहा था कि उन्होंने चार कंपनियों का इस्तेमाल कर पैसे का अवैध लेन देन किया।
एजेंसी के अनुसार वर्ष 2015-16 सत्येंद्र जैन को प्रयास इंफोसॉल्यूशंस, अकिंचन डेवलपर्स, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स और इंडो-मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा 4.63 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। जैन और उनकी पत्नी इस अवधि के दौरान इन कंपनियों में एक तिहाई के शेयरधारक थे। सीबीआई के अनुसार जैन का इन कंपनियों पर या तो एक निदेशक के रूप में या फिर मुख्य शेयरहोल्डर के तौर पर पूर्ण नियंत्रण था। यह सभी मुखौटा कंपनियां थी जिनका उपयोग अवैध रूप से उगाहे धन को इक्विटी शेयरों में निवेश करने के लिए किया जाता था।
विषय की जांच करने पर पता लगा था कि सत्येंद्र जैन के स्वामित्व वाली इन कंपनियों को कुछ फर्जी कंपनियों द्वारा करोड़ों रुपये प्राप्त हुए थे। यह धन हवाला के रास्ते कोलकाता स्थित ऑपरेटर्स को हस्तांतरित किये गए नकद के बदले सत्येंद्र जैन की कंपनियों को दिए गए। जैन और उनके परिवार ने इस रकम का इस्तेमाल ऋण चुकाने में और दिल्ली के आसपास कृषि भूमि खरीदने के लिए किया गया था, और इसके सारे साक्ष्य एजेंसियों के पास हैं।
सीबीआई ने अपनी शिकायत में कहा था कि जैन इन चारों कंपनियों को मिले धन के स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाए। प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस बारे में जैन से पूछताछ की और उनके सहयोग ना करने की दशा में ही उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
जैन की गिरफ्तारी पर राजनीतिक गर्मागर्मी आरम्भ
सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी होते ही दिल्ली में राजनीतिक माहौल गरमा गया है, जहां विपक्ष दिल्ली सरकार से उन्हें पद से हटाने को कह रहा है, वहीं दिल्ली सरकार अपने मंत्री को पूर्ण समर्थन दे रही है।
बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘ED ने सत्येंद्र जैन को अरेस्ट किया। शुरू में अरविंद केजरीवाल कहते थे कि जो करप्शन में लिप्त होगा उसको तुरंत हटा देंगे, अभी तक कुछ बोले नहीं हैं केजरीवाल इसका मतलब है कि माल सारा वहीं लगा है, अगर हटा दिया तो सत्येंद्र जी कुछ नही देंगे।’
वहीं अरविन्द केजरीवाल के पुराने सहयोगी कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘यह केस जब पहली बार आया था तो मैंने भरी PAC में सत्येंद्र जैन से जवाब मांगा था. बौने ने उसे सपत्नीक मेरे सामने रोने-धोने के लिए बिठाया. मैंने कहा निजी सम्बन्ध अपनी जगह पर इसका जवाब दो, तो आजकल पंजाब का वसूली-प्रमुख बना नया “चिंटू” काग़ज़ फैलाकर बोला “सर मैं CA हूं, कोई गड़बड़ नहीं है’.
वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस विषय पर ट्वीट करते हुए कहा,’ सत्येंद्र जैन के ख़िलाफ़ 8 साल से एक फ़र्ज़ी केस चलाया जा रहा है। अभी तक कई बार ED बुला चुकी है. बीच में कई साल ED ने बुलाना भी बंद कर दिया था क्योंकि उन्हें कुछ मिला ही नहीं। अब फिर आरम्भ कर दिया क्योंकि सत्येंद्र जैन हिमाचल के चुनाव प्रभारी हैं। सिसोदिया ने अपने एक और ट्वीट में कहा कि हिमाचल में बीजेपी बुरी तरह से हार रही है। इसीलिए सत्येंद्र जैन को आज गिरफ़्तार किया गया है ताकि वो हिमाचल न जा सकें। वे कुछ दिनों में छूट जाएंगे क्योंकि केस बिलकुल फ़र्ज़ी है।
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी अब खुल कर अपने मंत्री के पक्ष में खड़े हो गए हैं, उन्होंने भी इस पूरे मामले को फर्जी बताया है, और इसे हिमाचल के विधानसभा चुनावों से जोड़ दिया है।
यह मामला सच है या झूठ है यह तो न्यायपालिका ही बता पाएगी, लेकिन यह हर दृष्टि से अब बड़ा ही दिलचस्प हो चुका है। अरविन्द केजरीवाल और आम आदमी पार्टी इसी तरह से अपने पूर्व मंत्री जितेन्द्र तोमर का भी बचाव कर चुके हैं, लेकिन बाद में वह फर्जी डिग्री मामले में दोषी माने गए थे, और उन्हें मंत्री पद से इस्तीफ़ा भी देना पड़ा था। इस बार भी केजरीवाल और उनकी पार्टी पूरी आक्रामकता से सत्येंद्र जैन का समर्थन कर रही है, देखना होगा कि आगे क्या होता है!