मोतिहारी, बिहार से एक बहुत ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यह घटना हालांकि दानिश आलम द्वारा एक हिन्दू महिला को जलाए जाने की है, परन्तु यह घटना पारिवारिक मूल्यों के छीजने की भी घटना है। यह घटना उन तमाम विमर्शों पर तक तमाचा है जो हर “स्त्री” को “औरत” में बदलने के लिए यह कहते हुए प्रयासरत है कि विवाह होने का अर्थ एक ही व्यक्ति तक सीमित होना नहीं है।
यह कहानी है उस विमर्श की जो हर “औरत” को ईमान में लाने के लिए मचल रहा है, और उसे फेमिनिस्ट “प्यार की आजादी”, “देह की आजादी” कहते हुए हवा दे रही हैं।
बिहार के मोतिहारी में दानिश आलम ने 35 वर्षीय अर्चना कुशवाहा को पेट्रोल डालकर जला दिया। आरोप है कि 35 वर्षीय अर्चना कुशवाहा पर दानिश निकाह का दबाव डाल रहा था। परन्तु जितना घिनौना यह धोखा है कि प्रेमी दानिश ने अर्चना कुशवाहा को जलाया, उससे भी बड़ा धोखा यह है अर्चना कुशवाहा न केवल शादीशुदा है, बल्कि तीन बच्चों की माँ भी है। और ऐसा भी नहीं है कि उसका पति उसे छोड़ गया हो या फिर वह विधवा हो, दरअसल अर्चना कुशवाहा का पति चेन्नई में मजदूरी करता है।
अर्चना का पति बाहर मजदूरी का काम करता है और वह कम ही आता है। ऐसे में पति की अनुपस्थिति में अर्चना को प्यार हो गया एवं प्यार भी दानिश से हुआ, जो उसे जलाने के लिए आ गया। इस घटना में क़ानून दानिश को सजा देगा ही देगा, परन्तु यह भी प्रश्न महत्वपूर्ण है कि आखिर शादीशुदा महिलाऐं, इस प्रकार की घटनाओं में कैसे फंस जाती हैं?
यह कहानी भी एक मिस्ड कॉल से आरम्भ हुई। मीडिया के अनुसार यह घटना भी एक मिस्ड कॉल से आरम्भ हुई और धीरे धीरे अर्चना पिघल गयी। यह घटना सामाजिक स्तर पर भी दिल को परेशान करने वाली है कि आखिर देह की इच्छा या कथित आशिकी इस हद तक हावी हो सकती है कि अपने बच्चों की ओर से भी आँखें मुंदवा दे? यह बात सही है कि यदि पति बाहर है तो देह और मन की अपनी इच्छा हो सकती है, वह बहकने लगता है। परन्तु उसके बहकने के क्या परिणाम हो सकते हैं, इस पर चर्चा क्यों नहीं होती है?
प्रश्न यह भी है जो लोग यह सारा विमर्श तैयार कर चुके हैं कि शादी होने का अर्थ यह नहीं होता कि एक महिला गिरवी हो गयी, या फिर महिला के शरीर की प्यास, मन का अकेलापन कोई तो दूर करेगा ही, वह लोग ऐसी जघन्य घटनाओं पर बात क्यों नहीं करते हैं? क्यों प्यार की आजादी के पैरोकार इस बात को लेकर सामने नहीं आते हैं कि शादी के बाद बाहर सम्बन्ध बनाना मानसिक एवं शारीरिक तथा सामाजिक रूप से भी हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
हालांकि मीडिया के अनुसार अर्चना कुशवाहा का कहना है कि
“‘एक लड़का रांग नंबर से कॉल कर रहा था। बोला कि बात करो। हम मना किए कि बात नहीं करेंगे। इस पर कहा कि तुम बात नहीं करेगी तो पूरा खानदान खत्म कर देंगे। फिर ब्लैकमेल करने लगा। हम उसको 5 हजार रुपया दिए। फिर वो 10 हजार रुपया मांगने लगा। हम बोले कि नहीं देंगे। तो कहा कि रुपया नहीं दोगी तो पहले तुमको मार देंगे। फिर तुम्हारे ससुर और हसबैंड को भी मार देंगे। हम नहीं माने तो फिर पता नहीं कैसे घर पहुंच गया।‘
मगर जो ऑडियो वायरल हो रहा है, वह और ही कहानी कह रहा है। भास्कर में उस ऑडियो का ट्रांसक्रिप्शन भी दिया है। उसके अनुसार
“दानिश बोलता है कि ‘मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही हो।
महिला- हमें सोना है फोन रखिए। फिर भी दानिश उससे बात करता है।
दानिश-गाली देते हुए कहता है तुम्हें मेरी चिंता नहीं है?
महिला- वो तो भगवान जानते हैं।
दानिश- गली देता है और कहता है कि तुम्हारी बहन हमें चप्पल से मरेगी, उसे भी जान से मार देंगे। तुम्हें, पति और तुम्हारे ससुर को मार देंगे। नहीं तो तुम हमें मरवा दो।
महिला-मैं तो चींटी मार नहीं सकती तो आपको कहां से मरवाऊंगी।
दानिश- हम ठान लिए हैं कि तुम्हें और तुम्हारे पूरे परिवार को मार देंगे। नहीं तो एक बाप का बेटा नहीं। तुम्हें समझाने के लिए फोन कर रहा था। अब तुम्हें मेरी जरूरत नहीं हैं। इसके बाद फोन कट जाता है।
वहीं पुलिस का भी कहना है कि दोनों के बीच डेढ़ साल से प्रेम प्रसंग था और इसी बीच दोनों में झगड़ा हुआ। घोड़ासहन थाना क्षेत्र के विजयी गाँव का दानिश आलम अपने घर से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी का सफ़र तय करके अर्चना कुशवाहा के घर पहुंचा। वहां पर उसने देखा कि वह खाना पका रही है तो उसने उसके शरीर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
जब महिला ने शरीर में आग लगते ही चिल्लाना आरम्भ किया तो आसपास के लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने आग बुझाई और दानिश को पुलिस के हवाले कर दिया! दानिश पुलिस की गिरफ्त में है!
हालांकि ऐसे मामलों में कई बार देखा गया है कि आरोपी परिवार को नुकसान पहुंचाने को लेकर पीड़िता को ब्लैकमेल भी करता है!
दानिश को सजा का निर्धारण क़ानून करेगा, परन्तु प्यार की बेलगाम आजादी से होने वाले ऐसे दुष्परिणामों का निर्धारण कौन करेगा? हिन्दू समाज की स्त्रियों की कथित यौन असंतुष्टि को बाहर संतुष्ट करने वाले विमर्शों से उत्पन्न अपराधों पर कौन बात करेगा?
We cannot believe that the girl was in relationship with Danish. Many times these people take innocent talking as “girlfriend.” It has happened before also in Riya Gautam case. See, they are used to woman being caged in black burka. When a Hindu woman speaks to them normally, like she would to any person, they start thinking “she likes me, and I can think of her as my girlfriend.” When the HIndu girl realises this, she tries to cut off, and they threaten with killing etc. as has happened here.
Horrible! Satanic!