गाय को लेकर हिन्दुओं की भावनाओं का सभी को संज्ञान है कि इसे कितना पवित्र माना जाता है, और यह मात्र एक पशु न होकर हिन्दुओं की संस्कृति का आधार है। भगवान विष्णु जब स्वयं कृष्ण रूप में अवतार लेकर आए तो उनका नाम गोपाल भी है, अर्थात गौ का पालन करने वाले। जब प्रभु श्री कृष्ण गीता का उपदेश देते हैं तो स्वयं के लिए कहते हैं कि वह गायों में कामधेनु हैं।
महाभारत के अनुशासन पर्व में गौ, गोरस एवं गौदान की महत्ता भी बताई गयी है। इसमें लिखा गया है कि “गौवें दूध देती हुई लोगों का उद्धार करती हैं” इस पर्व में कई श्लोकों में गाय की महत्ता को बताया गया है कि क्यों गाय आवश्यक हैं। इसमें यह भी लिखा है कि “प्राप्ति, पुष्टि एवं लोगों की रक्षा हेतु इस पृथ्वी में गौवें ही सूर्य किरण सदृश हैं, गौ शब्द से सूर्यकिरण एवं गऊ, इन दोनों का ही बोध हुआ करता है। सन्नति एवं उपभोग प्राप्त होते हैं, इस लिए गोदान करने वाला सूर्य की भांति विराजता है!”
उसके उपरान्त अध्याय 74 में ही इंद्र प्रश्न करते हैं कि जो पुरुष जान के गऊ को हरता एवं धन के निमित्त बेचता है उसकी गति कैसी होती है? तो ब्रह्मा इस विषय में भी बताते हैं कि गौ भक्षण करने वाला एवं निष्ठुर होकर गाय को मारने वाला गऊ के शरीर में जितने रोम रहते हैं, उतने वर्ष पर्यन्त मरने वाले, खाने वाले और अनुमति देने वाले नरक में डूबते हैं।”

महाभारत से यह अंश यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि हिन्दू धर्म और धर्मपरायण हिन्दुओं के लिए गाय अंतत: क्या है? गाय हिन्दुओं की धार्मिक अस्मिता का प्रतीक है एवं गौ वध का अर्थ होता है, महापाप! यह चेतना पर किया गया सबसे भयानक आक्रमण है, जिसे मुगलों ने किया था और अभी भी कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा किया जा रहा है।
हमने देखा था कि कैसे अभी हाल ही में ईद पर रायटर्स ने गाय के साथ की जा रही नृशंसता को ग्लैमराईज अर्थात महिमा मंडित किया था और सैयद एजाज अहमद की इस बात को लेकर प्रशंसा की थी कि वह हर साल ईद-अल-अदहा पर पशुओं को कुर्बानी के लिए क्रेन से नीचे फेंकता है!
यह क्रूरता की हद है! लोग नीचे खड़े हैं, एजाज गायों को नीचे काटने के लिए भेज रहा है। इस वीडियो में इतनी क्रूरता है कि देखते ही हिन्दुओं की आँखों से आंसू निकल आएं, यह कल्पना ही उन्हें रुलाने के लिए पर्याप्त है, परन्तु रायटर्स इसे एक आदर्श बात बताता है और लोग जो वहां खड़े हैं वह कह रहे हैं कि उन्हें जानवरों का नीचे आते देखना अच्छा लगता है!
और जो हिन्दू गाय का आदर करता है, उन्हें पूजता है और उनके प्रति प्रेम, आभार तथा कृतज्ञता व्यक्त करता है, वही पश्चिम के लिए कट्टर है और स्वाद के लिए गाय काटने वाला उदार!
यह पीड़ा बहुत गहरी है!
वह तो पकिस्तान है और जिन्होनें किया है, वह मुसलमान हैं! परन्तु भारत में भी गौ का अपमान करने वाले कई हैं। और ऐसे लोग हैं, जिनके दलों के सर्वेसर्वा स्वयं को ब्राह्मण बताकर मंदिर मंदिर दर्शन करते हैं और उनके ही लोग हिन्दुओं को चिढ़ाने के लिए गौमांस खाने की घोषणा करते हैं।
केरल कांग्रेस के एक नेता श्रीदेव सोमन ने गौमांस खाया और फिर हिन्दुओं को चिढ़ाते हुए प्लेट की एक तस्वीर अपनी फेसबुक पर इस सन्देश के साथ पोस्ट की कि “यही सबसे स्वादिष्ट गौमाता फ्राई है जो मैंने खाया है, क्या आपको कुछ चाहिए?”
इस पर सोशल मीडिया में काफी तीव्र प्रतिक्रिया हो रही है। स्तंभकार विकास सारस्वत ने केरल से सांसद राहुल गांधी से यह प्रश्न किया कि “हेलो राहुल गांधी, क्या आपकी पूरी सेना हिन्दुओं का अपमान करने के अतिरिक्त और कुछ नहीं करती है? क्या आपका हिन्दू द्रोह आपके नए दोस्तों की संगति से उपजा है या फिर आप यह अपनी माँ से लेकर आए हैं?”
गाय पर प्रहार का अर्थ दरअसल उस चेतना पर प्रहार है जो धार्मिक है, आध्यात्मिक है एवं धर्म तथा आध्यात्म से सम्बन्धित आर्थिक समृद्धि से उत्पन्न होती है। यही कारण है कि पेटा इंडिया बार बार अपने वीगन आन्दोलन के माध्यम से और किसी पर नहीं बल्कि डेयरी उद्योग पर प्रहार कर रही है। वह ईद पर गाय की कुर्बानी पर आन्दोलन नहीं करती है बल्कि इस बात पर आन्दोलन कर ही है कि गाय का दूध निकालना बंद करके “पौधे आधारित दूध जैसा पेय” पिया जाए अर्थात वीगन बना जाए!
हिन्दुओं के लिए आध्यात्मिक चेतना का आधार रही गाय को जब मुग़ल, अंग्रेज और वामपंथी और अब कांग्रेसी नहीं मिटा पाए हैं तो अब पेटा आई है, परन्तु नए रूप में, नए कलेवर में!
हाँ, हिन्दू विरोधी राजनेता एकदम उसी रूप में हैं, हिन्दुओं को अपमानित करने के रूप में! कांग्रेस उसमें सबसे आगे है, केरल में उसके नेता गौमांस खाते हैं और उत्तर में भाई-बहन दोनों तिलक लगाकर हिन्दू होने का दावा करते हैं!