केंद्र सरकार ने कोयंबटूर कार धमाके को आतंकी गतिविधि मानते हुए इसकी जांच एनआईए को हस्तांतरित कर दी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार 26 अक्टूबर को केंद्र सरकार से इस विषय की एनआईए जांच कराने की अनुशंसा की थी, जिसके पश्चात केंद्रीय गृह मंत्रालय के काउंटर-टैररिज्म एंड काउंटर रेडिक्लाइजेशन डिविजन ने एनआईए को जांच के आदेश दे दिए थे।
23 अक्टूबर को सुबह 4 बजे, कोयंबटूर शहर में एक मंदिर के निकट मारुति कार में एलपीजी सिलेंडर फट गया था। इस धमाके में जमीशा मुबीन की मौके पर ही मृत्यु हो गयी थी। मुबीन एक 25 वर्षीय इंजीनियरिंग स्नातक था, जिसे वर्ष 2019 में आतंकियों से सम्बन्ध रखने के आरोप में एनआईए ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
पुलिस के अनुसार विस्फोट उस समय हुआ था, जब मुबीन अपनी कार से एक मंदिर के निकट से जा रहा था। उसने कथित तौर पर एक पुलिस चेक पोस्ट से बचने का प्रयत्न भी किया था। धमाके के पश्चात तमिलनाडु पुलिस ने 5 संदिग्ध जिहादी लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इनके नाम मोहम्मद ताहल्का (25), मोहम्मद असारूद्दीन (25), मुहम्मद रियाज (27), फिरोज इस्माइल (27) और मोहम्मद नवाज इस्माइल (27) हैं। बताया जा रहा है कि यह पांचो मुबीन के सहयोगी थे और सब मिल कर एक आतंकवादी घटना को अंजाम देना चाहते थे।
बृहस्पतिवार सुबह पुलिस ने एक और युवक अफसर खान को गिरफ्तार किया है, जो मुबीन का भाई है। बुधवार रात को पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा था और उसका लैपटॉप और अन्य संदिग्ध सामग्री जब्त की थी। इसके पश्चात बृहस्पतिवार सुबह उसे गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया गया था।
जिहादियों ने बनायी थी कोयंबटूर को दहलाने की योजना
पुलिस द्वारा जांचे गए सीसीटीवी फुटेज में रियाज, फिरोज और नवाज को मुबीन की कार में 2 सिलेंडर और 3 ड्रम रखते हुए देखा गया था। इन्होंने शनिवार रात करीब 11.30 बजे कार में विस्फोटक रखे थे, वहीं चौथे संदिग्ध मोहम्मद थलका ने मुबीन और उसके एक रिश्तेदार को कार दी थी। ये सभी जिहादी कोयंबटूर के उक्कड़म के पास जीएम नगर के रहने वाले थे। पुलिस को मिले साक्ष्यों के अनुसार इन सभी जिहादियों का सम्बन्ध इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन से है।
पुलिस को जांच के समय मुबीन के घर से कुछ कागज़ भी मिले हैं, जिनमे कोयंबटूर की 5 जगहों पुलिस कमिश्नरेट, कलेक्ट्रेट, विक्टोरिया हॉल, कोयंबटूर रेलवे स्टेशन और रेस कोर्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी लिखी हुई थी। इससे यह स्पष्ट था कि इन आतंकवादियों ने पूरी रणनीति बना ली थी और उसके अंतर्गत यह शहर के महत्वपूर्ण स्थलों पर विस्फोट कर लोगो की हत्या करना चाहते थे और डर पैदा करना चाहते थे।
विस्फोट वाला इलाका मुस्लिम बहुल होने के कारण है अति संवेदनशील
जिस इलाके उक्कादम में यह कार विस्फोट हुआ है, वह मुस्लिम बहुल है और सांप्रदायिक लिहाज से अति संवेदनशील भी माना जाता है। इसी कारण सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस अधिकारी ही नहीं बल्कि चेन्नई से राज्य पुलिस के महानिदेशक शैलेंद्र बाबू और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर थामारई कन्नन भी मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उक्कादम में मुबीन के घर की तलाशी लेने पर ऐसे पदार्थ मिले हैं, जिनका इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में होता है।
पुलिस ने मुबीन के घर से 75 किलोग्राम पोटेशियम नाइट्रेट, चारकोल, एल्युमीनियम पाउडर और सल्फर बरामद किया है, जिससे बड़े स्तर पर हानि पहुंचाने वाला विस्फोटक तैयार हो सकता है । यह सामान मुबीन के घर में क्यों और कैसे पहुंचा, इसकी जांच चल रही है । पुलिस के अनुसार जांच के तार अंतराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से जुड़ते दिख रहे हैं, और कोई बड़ी बात नहीं कि मुबीन किसी आतंकवादी संगठन से जुड़ा हो।
मृतक के मोबाइल संदेश से पुलिस को हुआ संदेह
पुलिस ने जब मुबीन के मोबाइल को जांचा, तो उन्हें एक संदेश लिखा मिला, जिसमे मुबीन ने लिखा था, ‘अगर मेरी मौत की खबर आप लोगों तक पहुंचे, तो मेरे गुनाह माफ कर दीजिएगा, मेरी कमियां छुपा लीजिएगा, मेरे जनाजे में आना और मेरे लिए प्रार्थना करना। ’ इस संदेश को देख कर पुलिस को संदेह हुआ और जब विस्फोटक बनाने वाली वस्तुएं मिली तो यह निश्चित हो गया कि यह एक आत्मघाती आतंकवादी हमला था।
पुलिस और खुफिया विभाग के दलों ने जेल में बंद मुबीन के पहचान के अजहरुद्दीन से इस विस्फोट के बारे में पूछताछ की है। इसके अतिरिक्त जेल में ही बंद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सरफर नवाज से भी पूछताछ की गई है, अन्य कई साक्ष्यों को खंगाला गया है, जिसके पश्चात यह समझ आ गया है कि यह एक आतंकी हमला ही था।
तमिलनाडु में आतंकवादी घटना होना देश के लिए बहुत बड़ा खतरा
तमिलनाडु एक शांत प्रदेश माना जाता रहा है, जहां साक्षरता और विकास पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है। लेकिन बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि पिछले कुछ वर्षों से यह छवि धूमिल होती जा रही है। तमिलनाडु में हिंदुत्व के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है, जिसके लिए स्थानीय और विदेशी तत्व मिल कर काम कर रहे हैं। अब यही तत्व प्रदेश में आतंकवादी घटनाएं करना चाहते हैं, ताकि हिन्दुओं के मन में डर बैठाया जा सके।
इन सब षड्यंत्रों में इन जिहादी और धर्मांतरण तत्वों का सहयोग करते हैं स्थानीय राजनेता। अपने स्वार्थों की सिद्धि के लिए यह राजनेता और राजनीतिक दल इस प्रकार के देश विरोधी तत्वों का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन इससे प्रदेश और देश को भविष्य में हानि उठानी पड़ सकती है। तमिलनडु एक अग्रणी प्रदेश है, वहां इस तरह की घटनाओं से आर्थिक हानि भी होने का अंदेशा है। इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार को एक साथ आ कर कार्यवाही करनी चाहिए, और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस प्रकार के आतंकवादी और जिहादी तत्वों का हमारे समाज में कोई स्थान ना हो।