हिंदू लड़कियों को दूसरे धर्म के युवकों द्वारा अपनी झूठी पहचान बताकर प्रेम जाल में फसाना और फिर उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवाना, ऐसी कई घटनाओं को हम पूर्व में पढ़ चुके हैं।
ऐसी एक घटना बड़ौदा के पास छनी नामक जगह से आई है जहां एक हिंदू युवती को एक ईसाई युवक द्वारा अपने प्रेम जाल में फंसा लिया गया, और बाद में उसका शारिरिक और मानसिक उत्पीड़न किया गया और उसे अपने धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया गया।
क्या है पूरा मामला ?
बड़ौदा के छनी के पास एक धनी परिवार की 23 वर्षीय हिंदू लड़की को कथित तौर पर ईसाई युवक सेल्विन पॉल परमार द्वारा अपने प्रेम जाल में फंसाया गया है,जिसने बाद में युवती से शादी की थी ।
स्थानीय अखबार दैनिक भास्कर के अनुसार ,आरोपी सेल्विन पॉल परमार ने लड़की को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और उसके साथ बिताए गए निजी पलों को इंटरनेट पर डालने की धमकी दे दी।
आरोपी सेल्विन पॉल परमार ने लड़की को ब्लेड से खुद को काटने के लिए मजबूर किया, मामला इतना गंभीर हो गया कि अंत में माता पिता को प्रधानमंत्री कार्यालय में गुहार लगानी पड़ी।
कैसे हुई थी ईसाई युवक की युवती से मुलाकात ?
बड़ौदा के छनि नहर के पास एक सोसाइटी है जिसमें आरोपी युवक सेलिविन परमार रहता है, वह युवक केवल दसवीं पास है।
लेकिन उसने धनी हिंदू परिवार की लड़की को यह बोला कि वह ढाई सौ करोड़ रूपए संपत्ति का मालिक है ,और एक कारखाने और रेत का मालिक भी है, उसके बाद पेट्रोल पंप भी है ।
यह परिचय देकर उसने हिंदू लड़की को अपने प्रेम जाल में फंसाया, लगभग दो साल के लंबे प्रेम प्रसंग के बाद ईसाई युवक लड़की को आनंद के पास ले गया था और वहां पर उसने लड़की के साथ कोर्ट मैरिज कर ली।
इसके बाद आरोपी सेलविन पॉल परमार ने चुपके से लड़की के साथ अपने बिताए हुए निजी पलों की तस्वीरें ले ली थी और वीडियो भी बना ली थी।
इसके बाद आरोपी ने युवती को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया, हिंदू लड़की बुरी तरह से मानसिक रूप से प्रताड़ित रहने लगी।
कैसे पता चला परिवार वालो को सच ?
जब लड़की के घर वालों कुछ संदेह हुआ तो उन्होंने लड़की के मोबाइल को चेक किया, तो उनको तो होश उड़ गए कि उनकी बेटी जिस व्यक्ति से चैट कर रही थी वह व्यक्ति उसे 1 मिनट में ब्लेड से अपने शरीर पर 40 से 50 चोट के निशान बनाने लिए कह रहा था।
अगर वह ऐसा नहीं करती तो आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से उसकी उनके निजी तस्वीरों को वायरल करने धमकी दे रहा था।
लड़की ने हमेशा ऐसे कपड़े पहने, जो उन कटे हुए निशान को छुपाने के लिए पूरे शरीर को ढक सके, इसके बाद लड़की के माता-पिता ने उसकी मेडिकल जांच कराई और लड़की के शरीर पर करीब ५०० से अधिक ब्लेड के घाव पाए गए।
लड़की आरोपी सेल्विन पॉल परमार की मानसिक प्रताड़ना से थक गई थी उसने आत्महत्या करने का मन भी बना लिया था।
ससुराल वालों ने किया अत्याचार
शादी के बाद लड़की को सेल्विन के पिता पॉल परमार ने बहला-फुसलाकर अपने ससुराल में रहने के लिए मजबूर कर दिया, कुछ दिनों के बाद लड़की के पति सेल्विन उसकी भाभी श्वेता और सेल्विन के पिता पॉल परमार ने लड़की को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया ।
लड़कियों घर में कैद कर दिया था, लड़की को उसकी मर्जी खिलाफ मांसाहार खाने के लिए मजबूर किया गया ताकि वह अपना धर्म परिवर्तन कर ले।
लड़की के परिवार को पता चला कि उसके उनकी बेटी आए दिन मारपीट का शिकार हो रही है तो लड़की के परिजन उसको लेकर घर आ गए ।
घटना की जानकारी मिलते ही लड़की के पिता ने इस संबंध में छेनी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी ,आरोप है कि पुलिस ने सेल्विन पॉल परमार, श्वेता पॉल परमार और पॉल परमार के खिलाफ़ मामला दर्ज किया।
पुलिस ने किया गलत व्यवहार
अपनी बेटी की हालत देखकर उसके पिता ने अगस्त 2021 में पुलिस की SHE टीम से संपर्क किया था ।
लड़की के पिता का आरोप है कि पुलिस अधिकारी नोएल सोलंकी ने उनकी शिकायतो नजरअंदाज कर दिया, उनके परिवार से रिश्वत मांगी गई थी।
आरोप यह भी है कि नोएल सोलंकी भी ईसाई हैं इसलिए वह इस मामले में सेल्विन पॉल परमार का बचाव कर रहे थे। सितंबर 2021 में लड़की के परिवार वालों ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज़ की थी और पुलिसकर्मी नोएल सोलंकी की कार्यशैली पर संदेह किया था ।
इस पर लड़की के पिता ने इस मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में याचिका भी दायर कर दी थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश के बाद तुरंत उचित जांच हुई उसमें पाया गया कि पुलिसकर्मी नोएल सोलंकी और आरक्षक संजीव कुमार जो उस रात SHE टीम के साथ शिकायतकर्ता के बंगले पर गए थे, उस टीम का हिस्सा नहीं थे और ना उस में भाग ले रहे थे।
ऐसे में दोनो पुलिस कर्मियों को 22 जून 2022 को निलंबित कर दिया गया था क्योंकि उनके खिलाफ आरोप सही साबित हुए थे ।
अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार लड़की को उच्च शिक्षा के लिए उसके माता-पिता ने अमेरिका भेज दिया है ।
वह इस घटना से बहुत दुखी हैं और लङकी के माता पिता यही चाहते है कि उनकी बेटी अपना नया जीवन शान्ति पूर्वक अमेरिका में व्यतीत करे।