spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
23.8 C
Sringeri
Friday, April 19, 2024

चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत को कृतज्ञ राष्ट्र का अंतिम प्रणाम परन्तु उनके साथ हुई दुर्घटना पर लेफ्ट लिबरल्स की प्रतिक्रिया से देश क्षुब्ध

दिनांक 08/12/2021 को दोपहर को अचानक से ही यह समाचार आया कि चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत सहित 14 लोग जिस हैलीकॉप्टर से जा रहे थे, वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। यह समाचार पूरे देश के लिए आघात से कम नहीं था क्योंकि जनरल बिपिन रावत सेना के सर्वोच्च अधिकारी थे और अब समाचार आ रहा है कि वह हमारे बीच नहीं रहे हैं। जनरल रावत को बचाकर सैन्य अस्पताल वेलिंग्टन ले जाया गया था, जहाँ पर उनका उपचार हुआ परन्तु उन्हें भी बचाया नहीं जा सका!

अभी तो यह सूचना आ चुकी हैं कि जनरल रावत अब हमारे मध्य नहीं हैं, परन्तु शोकग्रस्त राष्ट्र को तब अचानक से धक्का लगा जब उन्होंने जनरल रावत की मृत्यु के विषय में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग के विषय में यह ट्वीट देखा कि जनरल बिपिन रावत को शान्ति मिले!

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग

लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग ने भारतीय सेना के साथ 40 वर्षों तक कार्य किया और उसके बाद वह रक्षा और रणनीतिक मामलों के विश्लेषक के रूप में लिखने लगे। उनके कई लेख द प्रिंट में देखे जा सकते हैं। द प्रिंट एक ऐसा डिजिटल न्यूज़ आउटलेट है, जिसे विवादास्पद हिन्दू विरोधी शेखर गुप्ता ने आरम्भ किया है। पाठकों को याद होगा कि यह वही शेखर गुप्ता हैं, जिन्होनें इंडियन एक्सप्रेस में रहते हुए यहाँ तक कह दिया था कि जनरल वीके सिंह के नेतृत्व में भारतीय सेना यूपीए -2 सरकार के खिलाफ विद्रोह करने आ रही है।

वहीं हमने यह भी देखा है कि लेफ्टिनेंट जनरल पनाग के दिल में सीडीएस जनरल रावत के प्रति जो घृणा है, उसे उन्होंने छिपाया नहीं है, बल्कि प्रदर्शित ही किया है। जब बिपिन रावत चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ थे और अब जब वह तीनों सेनाओं के संयुक्त जनरल है तब भी उन्होंने इनके विरुद्ध लिखा था। और हम उनके ऐसे कई लेखों को नेट पर देख सकते हैं। 1,2,3!

इसके साथ ही पनाग की एक और विशेषता है और वह है कि वह द वायर जैसी हिन्दू विरोधी वेबसाइट्स के साथ भी कार्य कर रहे हैं, और उस पर अधिकाँश एकतरफा लेख ही प्रकाशित होते हैं, जैसे एडमिरल एल रामदास के, जो कहने के लिए तो भारतीय जलसेना के तेरहवें प्रमुख थे, परन्तु वह वामपंथी विचारों से ग्रसित हैं और वह आम आदमी पार्टी के साथ तो जुड़े ही हैं, साथ ही उनके परिवार के फोर्ड फाउंडेशन (जिसे कथित रूप से सीआईए से भी जोड़ा जाता है)

अकेले नहीं हैं लेफ्टिनेंट जनरल पनाग

पर यदि आप यह सोचते हैं कि पनाग अकेले हैं तो आप भ्रम में हैं। जनरल रावत भारत के दुश्मनों को उन्हीं की भाषा में बात करते थे और भारत की धार्मिक पहचान का आदर करते थे एवं साथ ही वह प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना नहीं करते थे, तो इसी कारण एक और रिटायर्ड कर्नल बलजीत सिंह बख्शी ने भी टिप्पणी करते हुए लिखा कि। “कर्मा के लोगों के साथ डील करने के लिए अपने तरीके होते हैं!”

हालांकि उन्होंने वह ट्वीट डिलीट कर दिया था। परन्तु तब तक उनका यह दृष्टिकोण सभी को पता चल गया था।  कर्नल बख्शी किसान आन्दोलन का समर्थन करते करते नरेंद्र मोदी के विरोधी हो गए हैं, परन्तु वह सैन्य प्रमुख के भी विरोधी हो जाएंगे, यह नहीं किसी ने सोचा होगा!

कर्नल बख्शी की पूरी टाइम लाइन अत्यंत आपत्तिजनक प्रोपोगंडा से भरी हुई है, जिनमें केवल और केवल किसान आन्दोलन के पक्ष में और नरेंद्र मोदी के विरोध में सामग्री है। और उन्होंने कृषि कानून वापस लिए जाने पर यह भी कामना की थी कि एक दिन नरेंद्र मोदी को सजा भी मिले। और ऐसे पत्रकारों की भी कमी नहीं है, जो चाहते हैं कि प्रधानमंत्री की हत्या की जाए।

पत्रकार भी पीछे नहीं

इतना ही नहीं कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड की सम्पादक एशिन मैथ्यू ने इस घटना को दैवीय हस्तक्षेप कहा और लिखा

हालांकि एश्लिन ने ट्वीट डिलीट कर दिया और कहा कि यह हालिया दुर्घटना के विषय में नहीं है मगर फिर भी यदि किसी की भावना आहत हुई है उन्हें खेद है। मगर उन्होंने यह नहीं बताया कि आखिर वह किसलिए धन्यवाद दे रही थीं।

खैर, उन्होंने हाल ही में जो रीट्वीट किया था, उसे देखकर उनकी सेना के प्रति भावनाएं समझी जा सकती हैं। यह केवल नागालैंड से सम्बन्धित था, और उसमें सेना के प्रति आपत्तिजनक छवि बनी थी

“विश्वास” वाले लोग भी हँस रहे थे:

इतना ही नहीं “सबका विश्वास” जीतने में लगी सरकार की दृष्टि नहीं पता इस ओर जाएगी या नहीं, जहाँ पर वह यह देख सके कि विश्वास वाले क्या कर रहे हैं? एक विशेष वर्ग अपनी प्रसन्नता छिपा नहीं पा रहा है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि अधिकांश पाकिस्तानी हैं,

इस समय जनता यह जानना चाहती है कि क्या ऐसे लोगों पर सरकार द्वारा कोई कदम उठाया जाएगा या फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस स्पष्ट देशद्रोह को अनदेखा कर दिया जाएगा। इस प्रचंड बहुमत से चुनी सरकार से यह अपेक्षा की जाती रही है कि वह ऐसे तत्वों के प्रति कठोर कदम उठाएगी!

फिर भी यह देखना अत्यंत दुखद है कि हमारे हर संस्थान में ऐसे हिन्दू-फोबिक लोग कार्य कर रहे हैं, जो हिन्दुओं के अस्तित्व तक से घृणा करते हैं, फिर भी उनका एजेंडा चलता रह जाता है, यहाँ तक कि कई बार जीत भी जाता है! आज का दिन इस दृष्टि से अत्यंत दुखद है कि देश के सपूत पर ऐसा विवाद किया गया!

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.