पाकिस्तान एक इस्लामिक मुल्क है, और उन्होंने इस बात को गंभीरता से लिया है और यही कारण है कि वहाँ अल्पसंख्यकों सफाया किया जा रहा है। अगर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या देखी जाए तो इसमें पिछले कुछ दशकों में अत्यंत तेजी से गिरावट आयी है। इसके कारण हैं हिन्दू-सिखों का अवैध और जबरन धर्मांतरण और उनकी हत्याएं, जिनका कोई हिसाब ही नहीं है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
सिंध में मजहबी शैतानों ने किया हिन्दू लड़की के साथ दुष्कर्म
अब सिंध प्रांत में 8 साल की हिंदू लड़की कविता भील के साथ क्रूरता का मामला सामने आया है। चौकाने वाली बात है कि यह घटना दिसंबर 2021 में हुई थी, लेकिन पाकिस्तानी प्रशासन और मीडिया ने इसे दबा दिया गया था। युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद मजहबी राक्षसों ने उसकी आंखें भी छीन लीं। लड़की हैदराबाद के सरकारी अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच झूल रही है। एक हिंदू मानवाधिकार कार्यकर्ता ने लड़की का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसमें पीड़िता को स्ट्रेचर पर देखा जा सकता है, जबकि उसके माता-पिता उसे अस्पताल परिसर के अंदर ले जा रहे थे।
पुलिस के अनुसार पीड़ित लड़की भील समुदाय की है, और जिहादियों ने उसका अपहरण कर लिया था। इन राक्षसों ने पहले उसके साथ बलात्कार किया और बाद में उसका पूरा चेहरा बुरी तरह से खरोंच दिया और उसकी आँखें भी छीन लीं। यह घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के उमरकोट शहर की है। लड़की के साथ की गई क्रूरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके जननांगों से लगातार खून बह रहा था। इस कारण उसकी हालत बहुत नाजुक है, जिस कारण स्थानीय आपातकालीन अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे बीआईडीएस अस्पताल भेज दिया था।
बाढ़ पीड़ित हिन्दू लड़की की सहायता के नाम पर शोषण
पाकिस्तान में इस समय भीषण बाढ़ से त्रस्त है, ऐसा बताया जा रहा है कि लगभग आधा पाकिस्तान इस समय पानी में डूबा हुआ है। ऐसी विभीषिका में जहां लोग एक दूसरे की सहायता करते हैं, जात-पात धर्म-मजहब को भूल जाते हैं, वहीं पाकिस्तान में ऐसे समय भी हिंदुओ पर अत्याचार किये जा रहे हैं। ऐसी ही एक घटना सिंध प्रांत के संघार जिले के शहदादपुर में घटी है, जहां एक हिन्दू लड़की का एक ऑटोरिक्शा चालक खालिद ने राशन देने के बहाने अपहरण कर लिया।
आरोपी ने लड़की को 2 दिन अपने पास रखा, वह किसी तरह का विरोध ना कर पाए, इसलिए उसे लगातार नशीला पदार्थ भी खिलाया गया। खालिद और उसके मित्र दिलशेर ने इस लड़की के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी मुस्लिम पुरुष माछी जाति के हैं, और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। यहाँ यह जानना महत्वपूर्ण है कि सिंध के उमरकोट में बाढ़ के कारण हजारों हिन्दू इस समय सड़कों पर रहने को विवश हैं। मजहबी शैतान इस अवसर का फायदा उठा कर हिन्दू लड़कियों और महिलाओं के साथ आपत्तिजनक व्यवहार करते हैं।
सिंध में होता है हिन्दुओं पर सबसे अधिक अत्याचार
पाकिस्तान में बचे अधिकाँश हिन्दू सिंध प्रांत में रहते हैं, और वह पाकिस्तानी समाज के सबसे गरीब वर्गों में से एक हैं। पाकिस्तानी हिन्दुओं की भूमि छीनी जाती है, उनके अपहरण किये जाते हैं, हिन्दू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण किया जाता है, इसके अतिरिक्त युवाओं के लिए नौकरियां या व्यवसाय भी नहीं हैं। हजारों हिन्दू हैं जो मुस्लिम जमींदारों के बंधुआ मजदूरों के रूप में रहते हैं, उन्हें नियमित रूप से मानसिक और शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ता है।
दुर्भाग्य से वह पुलिस और प्रशासन से भी इन विषयों पर संपर्क करने में डरते हैं, क्योंकि उन्हें संस्थागत भेदभाव का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा देखने में आया है कि पुलिस में शिकायत करने के बाद मुस्लिम ही उल्टा उन पर बेअदबी के मुक़दमे कर उन्हें जेल में डलवा देते हैं। इसके अतिरक्त महामारी के समय भी हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ भी भेदभाव किया गया था। पाकिस्तानी हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को गैर सरकारी संगठनों और सरकारी अधिकारियों द्वारा राशन और कोविड-19 की दवाएं नहीं दी गयी थी, जिस कारण सैंकड़ों हिन्दू अकाल कवलित हो गए थे।
असहाय हिन्दुओं के पास इस प्रकार के विषयों पर प्रशासन और मीडिया के सामने अपना पक्ष रखने के संसाधन भी नहीं होते हैं ।पाकिस्तान जैसे इस्लामिक मुल्क में जैसी अल्पसंख्यक द्वारा किसी भी प्रकार का प्रतिरोध करना भी खतरनाक है, क्योंकि ऐसा कुछ भी होने पर पाकिस्तानी सेना-जिहादी-मुल्ला गठजोड़ मिल कर उनके प्रयासों पर पानी फेर देता है।
ऐसे ढेरों उदाहरण देखे गए हैं, जहां यह पाया गया है कि प्रशासन के प्रभावशाली लोग ही हिंदू लड़कियों के अपहरण, बलात्कार और धर्मांतरण का एक संगठित रैकेट चलाते हैं। कट्टर इस्लामी धार्मिक निकायों के दबाव के कारण पाकिस्तान में अवयस्क हिन्दू लड़कियों के धर्मांतरण को रोकने के लिए बुनियादी कानून भी पारित नहीं हो पाते हैं।
Pakistan and Bangladesh are the two neighbours of India where Hindus are not at all safe. They are tortured, looted, killed, raped and forcibly converted. These are everyday affairs there. Justice is denied to them to the full knowledge of the adminsitration and Govt. Human Rights Commission and UNO remain silent spectators.