पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज चुनाव परिणामों के बाद हुई हिंसा पर अपना मुंह खोला और कहा कि हिंसा में मारे गए लोगों के आश्रितों को दो दो लाख रूपए की आर्थिक मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुल 16 लोग अभी तक मारे गए हैं और उनमें से आधे लोग तृणमूल कांग्रेस से हैं तो वहीं आधे लोग भाजपा से हैं। इसी के साथ उन्होंने भाजपा से कहा कि वह मतादेश का आदर करें।
परन्तु पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा जारी है। हिंसा के भय से आज भी लोगों का पलायन जारी रहा। असम और ओडिशा से लगे हुए क्षेत्रों से लोगों का पलायन जारी है। वह तृणमूल कांग्रेस के गुंडों से अपनी जान बचाकर न जाने कहाँ कहाँ जा रहे हैं। कई लोग प्रदेश से बाहर निकल गए हैं तो कई लोग एक शहर के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों को छोड़कर दूसरे सुरक्षित क्षेत्रों की ओर जा रहे हैं, कि माहौल शांत होने पर वह वापस आ जाएंगे।
Deploy army before @MamataOfficial turns Bengal into a grave yard . #PresidentRuleInBengal #Bengalisburning pic.twitter.com/lgio6pe69Z
— sandeep Vastu consultant (@sandeepmundra19) May 5, 2021
यहाँ तक कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी यह कहा कि पश्चिम बंगाल में 80,000 लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है। उन्होंने कहा कि गोसाबा, संदेशखली में गावों के गांव बर्बाद कर दिये गये। कूच बेहर के लोग असम में शरण ले रहे है। साउथ 24 परगना में लोगों को दोहरी आपदा का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि जे पी नड्डा ने राष्ट्रपति शासन के विषय में कुछ नहीं कहा।
असम के शरणार्थी शिविर में इस हिंसा की कही कहानियां ऐसी हैं जो आपके रोंगटे खड़े करने के लिए पर्याप्त हैं। मेघु दास ने न्यूज़ 18 से बात करते हुए अपनी व्यथा सुनाई। 40 वर्षीय मेघु दास ने बताया कि “मंगलवार सुबह कुछ लोग मुझे खोजते हुए आए। उन्होंने मुझे मारने की कोशिश की और कहा कि और कहा कि मैंने भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट किया है, इसलिए अब बदले का समय है। यह उनके लिए “आँख के बदले आँख” की बात थी। मैंने किसी तरह अपनी जान बचाई और असम भागकर आ गया। मेरे साथ 250 लोग यहाँ पर हैं। और मुझे यह नहीं पता कि मैं अपनी माँ का अंतिम संस्कार कर पाऊंगा कि नहीं।” मेघु दास की माँ का देहांत छ दिन पहले हुआ था।
BURNING BENGAL – THREAD
As if to reassert might of an abhorring demonocracy led by @MamataOfficial, persecution of innocent by @AITCofficial continue. 21 people including an injured Dhiren Saha (45), facing threats of lives, arrived in Srirampur from Cooch Behar around 5 pm. pic.twitter.com/2iogef75N4
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 5, 2021
एक और पीड़ित ने नाम न बताने की शर्त पर अपनी कहानी साझा की कि वह बाज़ार गए थे और वह दो लोग नज़दीकी चाय की दुकान पर बैठे हुए थे। तृणमूल कांग्रेस का जुलूस जो सामने से आ रहा था उन्होंने अचानक से ही पथराव करना आरम्भ कर दिया। जब तक उनकी समझ में कुछ आ पाता तब तक, उन्होंने चीखना शुरू कर दिया कि उसे पकड़ो, पकड़ो, वह बूथ प्रेसिडेंट है। और खतरे को भांप कर उन्होंने भागना शुरू कर दिया। उनके पीछे लगभग 50 लोग थे। वह पास की नदी में कूद पड़े और फिर तैर कर अपनी जान बचाकर यहाँ आ गए। वह कहते हैं कि यदि उन्हें पकड़ लिया जाता तो वह इस समय अस्पताल में होते। भीड़ में अधिकतर लोग मुस्लिम थे और कुछ ही हिन्दू लोग थे।
असम के भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार ने बुधवार में धुबरी में शिविर में दौरा किया और लोगों के इस पीड़ा दायक अनुभव को सुना।
हालांकि हिंसा का दौर अभी थमा नहीं है। आज पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय मंत्री को भी नहीं छोड़ा गया। केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन पर आज मेदिनीपुर में हमला किया गया। उन पर केजीटी ग्रामीण विधानसभा के पंचखुडी में हमला किया गया और उनकी कार के शीशे तोड़ दिए गए थे। मुरलीधरन भी सांसदों की उस टीम का हिस्सा है, जो पश्चिम बंगाल में हिंसा को जानने के लिए गयी है और जो भाजपा कार्यकर्ताओं पर हुए अन्याय पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
ट्विटर पर एक वीडियो और तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला को तृणमूल कांग्रेस की महिला नेता उत्तक बैठक करवा रही हैं और उससे कह रही है कि वह भाजपा को वोट देने के लिए माफी मांगे। इस वीडियो के उत्तर में कई यूज़र्स ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें धन्यवाद देना चाहिए कि वह बच गईं, क्योंकि शेष लोगों के साथ तो इससे भी बुरा हो सकता है।
Canal Paar Hatchary Road. Bardhaman, West Bengal.
A women TMC leader is punishing a BJP Mahila Karyakarta and threatening her ‘not to do BJP’ #BengalViolance #PresidentsRuleinBengal #SaveBJPKaryakartas @PMOIndia @HMOIndia pic.twitter.com/T6J7xxBhCY
— Kalyan Chaubey (@kalyanchaubey) May 6, 2021
पश्चिम बंगाल में हिंसा अपने चरम पर है और यह भी नहीं पता है कि यह कब जाकर थमेगी। एक ओर जहाँ बार बार शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है तो वहीं तथ्य खोजने वाली टीम पर हमले किए जा रहे हैं। यह एक अजीब स्थिति है। जहाँ पर नव निर्वाचित सरकार के समक्ष हर कोई जैसे नतमस्तक है, मीडिया प्रश्न नहीं पूछ रही है।
Balaram Majhi, 22, of Ketugram(East Burdwan)who was mercilessly assaulted yesterday by the TMC perpetrators, succumbed to the injuries today.#PoliticalTerrorism of TMC pic.twitter.com/mAere0udBS
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) May 6, 2021
यहाँ तक कि प्रत्याशियों के घरों को तोड़ा गया है। जिसका प्रमाण इंटरनेट पर बिखरे हुए कई वीडियो हैं
BJP candidate of Jadavpur, Rinku Naskar's house has been vandalised by TMC Workers. pic.twitter.com/6ADNRJonuB
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) May 6, 2021
हालांकि सत्ता पक्ष द्वारा इसे नकारे जाने के भी प्रयास जारी है, जैसा हम डेरेक ओ ब्राउन जैसे नेताओं के दृष्टिकोण से देख रहे हैं! अब यह देखने की आवश्यकता है और पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं कि क्या ममता बनर्जी अपनी ही पार्टी द्वारा किए जा रही इस हिंसा का विरोध करती हैं या फिर निर्ममता का राज ही चलेगा? हिंसा पर केंद्र सरकार क्या कदम उठाएगी और अंतत: कब इस हिंसा का अंत होगा, भाजपा का मतदाता और आम हिन्दू यह प्रश्न पूछ रहा है! पर शायद अब केंद्र के मंत्री भी वहां जाकर न प्रश्न पूछ पाएं क्योंकि कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट के आने से रोक लगा दी है और साथ ही यह भी कहा है कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर क्वारंटीन का खर्च उसी व्यक्ति को देना होगा।
इस निर्णय को भाजपा नेताओं पर नकेल कसने के रूप में लिया जा रहा है। देखना होगा कि भाजपा इस निर्णय की आड़ में अपने कार्यकर्ताओं के शोषण को कैसे रोकती है?
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