“ ‘भूरा बाल साफ करो’: जिस ‘नारे’ को मारिया शकील बता रही राजनीतिक ‘जरूरत’, उसकी आड़ में लालू-राबड़ी के ‘जंगलराज’ में किया गया सवर्णों का नरसंहार”, ऑपइंडिया, अक्टूबर 31, 2025
“बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। यह विवाद लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे पूर्व मंत्री शकील अहमद खान की बेटी मारिया शकील के एक कथित बयान से शुरू हुआ है। आरोप है कि मारिया शकील ने इंडिया टुडे के एक टीवी शो के दौरान, 1990 के दशक के उस कुख्यात नारे ‘भूरा बाल साफ करो’ को उस समय की ‘जरूरत’ (Need of the Hour) या ‘राजनीतिक मजबूरी’ बताया।
मारिया शकील के इस कथित बयान का सीधा मतलब यह है कि 1990 के दशक में लालू यादव की सरकार के दौरान ऊँची जाति के समुदाय (भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और लाला/कायस्थ) के खिलाफ जो बड़े बदलाव हो रहे थे, उसमें यह नारा एक जरूरी चाल या उपकरण था। इस तरह, मारिया शकील ने अप्रत्यक्ष रूप से लालू यादव के शासनकाल ‘जंगल राज’ में ऊँची जाति के लोगों पर हुए कथित अत्याचारों, हत्याओं (नरसंहार) और उन्हें सत्ता-संपत्ति से दूर कर दिए जाने को सही ठहराने की कोशिश की है। उनके इस बचाव ने सोशल मीडिया पर लोगों को भड़का दिया है, जो पूछ रहे हैं कि ऐसी हिंसा को कोई कैसे ‘जरूरत’ बता सकता है।
नीचे वीडियो इंडिया टुडे की यूट्यूब की है। इस वीडियो में 19:25 पर मारिया शकील ‘भूरा बाल साफ करो’ नारे को 1990 के दशक के लालू यादव के ‘जंगलराज’ की ‘राजनीतिक जरूरत’ बताती है……”
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