शाहरुख़ खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म पठान का “बेशर्म रंग” गाना रिलीज हो गया है। यह गाना उतना ही बेशर्म है जितना हो सकता है। यह गाना उतना ही बेशर्म है जितना बेशर्म शाहरुख़ खान हो सकते हैं। यह उतना ही बेशर्म है जितनी बेशर्मी से शाहरुख़ यह बेशर्म गाना बनाकर हिन्दुओं के माँ वैष्णो देवी के मंदिर जाते हैं, यह उतना ही बेशर्म है जितनी बेशर्मी से दीपिका पादुकोण को “केसरिया बिकनी” पहनाते हैं!
जैसे ही यह गाना सामने आया, एकदम से ही बॉयकाट का ट्रेंड दोबारा चलने लगा। इस गाने को देखते ही मन में एक क्षोभ, क्रोध उत्पन्न होता है क्योंकि यह कथित सुपरस्टार और यशराज फिल्म्स की पतन की पराकाष्ठा है। इस गाने में स्त्री देह का जितना अपमान किया गया है, वह कहीं से भी सहन करने योग्य नहीं है। मीडिया में कहा जा रहा है कि यह दीपिका ने आग लगा दी है, नहीं, दीपिका अपनी बेशर्मी में खुद ही जल ही गयी हैं।
ऐसा लग रहा है जैसे जेएनयू में दीपिका गयी थीं और वहीं के एक नंगे वर्ग के लिए जिसके लिए सिगरेट, शराब और देह ही सर्वोपरि है, उनके लिए यह गाना बना दिया है। इसमें सिवाय शरीर की नंगी नुमायश के अलावा कुछ नहीं है। यदि इस गाने का नाम कोई बेशर्म रंग नहीं बताता तो भी यह स्पष्ट था कि यह किसी बेशर्मी की ही पैदाइश है। यह बेशर्म ही है।
और सबसे अधिक हैरानी तो इस बात को लेकर है कि एक साठ साल के बूढ़े शाहरुख़ को हवसी आशिक के रूप में दिखाया गया है। इस गाने को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे दीपिका के सूखे शरीर पर इसे भुनाया जा रहा है। जिस तरीके से शाहरुख़ खान ने दीपिका को थामा हुआ है, वह एक ऐसी आदिम मानसिकता की याद दिला रहा है, जो अभी तक हिन्दुओं के इतिहास का हिस्सा तो हैं, मगर उसे संवेदना के स्थान पर देखने के स्थान पर ऐसा बनाकर प्रस्तुत किया जाता है कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
यह गाना बॉलीवुड के प्रति घृणा की अंतिम सीढ़ी तो नहीं कहा जाएगा, परन्तु यह इस सीमा तक विकृति उत्पन्न कर रहा है कि ऐसा लग रहा है कि पूछा जाए कि ऐ बॉलीवुड अभी कितना नीचे गिरना शेष है? साठ साल के अय्याश दिख रहे शाहरुख लगभग नंगी दीपिका को एक अजीब सी हवस के साथ छूते दिख रहे हैं तो घृणा का एक सागर उमड़ रहा है। और प्रश्न उठ कर आ रहा है कि क्या यही प्यार है? क्या इसे ही प्यार की संज्ञा दी जाएगी? क्या यही इश्क है?
यह न ही प्यार है, न ही इश्क है, बल्कि यह फिल्म बेचने के लिए सेमी पोर्न है।
कथित सुपरस्टार और एक प्रतिष्ठित स्टूडियो इस सीमा तक गिर सकता है, यह शायद ही किसी ने सोचा हो। यह कचड़ा है। दीपिका पादुकोण की भावहीन एवं वासना से भरी आँखें, अश्लील हाव भाव, लगभग नंगी देह, और उसमें भी स्त्री देह के सौन्दर्य का अभाव घृणा एवं वितृष्णा का ऐसा भाव जागृत कर रहा है कि लोग पूछ रहे हैं कि भाई इतनी फिल्मों के बाद भी नंगई बेचनी पड़े तो, सोच लो कि बॉलीवुड कहाँ है?
एक ओर जहां पारिवारिक एवं कंटेंट आधारित फ़िल्में दिनों दिन दर्शकों के हृदय में अपने आप स्थान बना रही हैं, जैसे कश्मीर फाइल्स एवं कान्तारा आदि और सफलता के नए कीर्तिमान अपने कंटेंट के बल पर बना रही हैं, तो वहीं बॉलीवुड में ब्रह्मास्त्र, लाल सिंह चड्ढा जैसी फिल्मों को झूठे आंकड़ों, प्रोपोगैंडा आदि सबका सहारा लेना पड़ा था, मगर फिर भी उनकी किस्मत में फ्लॉप होना ही लिखा था। ब्रह्मास्त्र के आंकड़ों पर बहुत अधिक संशय उत्पन्न हुआ था।
जो लोग यह फिल्म बना रहे हैं, उन्हें क्या लगता है कि क्या वह नंगई दिखाकर फिल्म को सुपर हिट करा लेंगे? और दूसरा जो इस गाने में सबसे आपत्तिजनक बात लोगों को लगी है, वह है दीपिका का केसरिया बिकनी में होना और शाहरुख़ का हवसी हावभाव के साथ उसे छूना।
हिन्दू वाचडॉग नमक यूजर ने लिखा कि एक मुस्लिम पठान के रूप में अभिनय कर रहे शाहरुख ने भगवा रंग वाली दीपिका को पकड़ रखा है, क्या यह लव जिहाद है या फिर कुछ और?
यूजर्स ने इसे दीवालियेपन से जोड़ते हुए कहा कि यह पूरी तरह से विचारों, प्रतिभाओं एवं नैतिकता का दीवालियापन है।
इस बेशर्म गाने के साथ कुछ लोगों ने तालिबानियों द्वारा अपनी औरतों पर किए जा रहे अत्याचारों को दिखाते हुए भी लिखा कि फिल्म के माध्यम से एक पठान की छवि को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। वैसे भी अफगानिस्तान से रोज ही ऐसे दृश्य आ रहे हैं, जो यह बताते हैं कि उनके लिए औरत क्या है?
यह फिल्म उन तमाम हिन्दू लड़कियों के दिमाग से भी तमाम श्रद्धाओं, अंकिता, निकिता तोमर आदि की दर्दभरी कहानियों को मिटाने का षड्यंत्र है जो जिहादी मानसिकता का शिकार हुई थीं।
फिल्म पर बात आने वाले लेखों में करते रहेंगे, हाल फिलहाल इस बेशर्म गाने पर दीपिका की बेशर्मी और शाहरुख़ एवं यशराज स्टूडियों के दीवालियेपन पर बात करेंगे जिन्हें नंगई के आधार पर इस फिल्म को हर मूल्य पर हिट कराना है!
परन्तु क्या दर्शक ऐसी नंगई को देखने आएँगे, जिससे बेहतर वीडियो इन्टरनेट पर मुफ्त में मौजूद हैं? जिस प्रकार से और जिद नंगई से शाहरुख़ खान के प्रशंसक लोगों को गाली दे रहे हैं, वह इस फिल्म के लिए उलटा ही असर न करे, यह भी देखना होगा!