“ ‘साड़ियाँ बाँट के अपराध नहीं ढँक सकती ममता बनर्जी… बशीरहाट के हर ब्लॉक में संदेशखाली जैसी स्थिति’ – बीजेपी प्रत्याशी रेखा पात्रा ने खोली TMC की पोल”, ऑपइंडिया, मई 11, 2024
“लोकसभा चुनाव 2024 में सबकी नजरें पश्चिम बंगाल पर हैं। तमाम हाई प्रोफाइल सीटों के अलावा जिस सीट पर सभी की नजरे हैं, वो सीट है बशीरहाट लोकसभा सीट। उत्तरी 24 परगना जिले में आने वाली बशीरहाट की एक विधानसभा सीट है संदेशखाली, जहाँ से महिलाओं, किसानों पर टीएमसी के नेताओं और पार्टी के गुंडों के अत्याचार की खबरें सामने आई। महिलाओं के उत्पीड़न से लेकर जमीनों पर जबरन कब्जे की घटनाओं ने पूरे देश का ध्यान खींचा। कोलकाता हाई कोर्ट ने तो यहाँ तक टिप्पणी की, कि जैसी बातें संदेशखाली से निकलकर सामने आ रही हैं, उसमें 1% भी सच्चाई हुई, तो ये मानवता पर कलंक होगा। टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ और उसका पूरा आपराधिक साम्राज्य संदेशखाली के इर्दगिर्द फैला हुआ था। महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन की कमान संभाली, तब जाकर शेख शाहजहाँ और उसकी गैंग की हैवानियत सामने आ पाई। अब उसी संदेशखाली की पीड़ित रेखा पात्रा को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 में अपना उम्मीदवार बनाया है।
रेखा पात्रा अपनी सास और तीन बेटियों के साथ आम जिंदगी जी रही थी, कि शेख शाहजहाँ और उसके गैंग ने पूरे संदेशखाली में आतंक मचा दिया था। रेखा पात्रा भी आम महिलाओं की तरह इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई और देखते ही देखते महिलाओं पर हो रहे अपराधों के खिलाफ आंदोलन का एक चेहरा बन गई। महज पाँचवीं तक पढ़ी लिखी रेखा पात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘शक्ति स्वरूपा’ बताया। बीजेपी ने जब से उन्हें कैंडिडेट घोषित किया है, वो ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी के लिए दु:स्वप्न की तरह हो गई हैं। कोर्ट से लेकर राजनीति के मैदान तक वो ममता बनर्जी को चुनौती दे रही हैं। रेखा पात्रा ने ठान लिया है कि वो महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को अंजाम तक पहुँचा कर रहेंगी।
दैनिक जागरण से बातचीत में रेखा पात्रा कहती हैं कि वो खुद को नेता नहीं मानती, क्योंकि वो तमाम पीड़ितों में एक पीड़ित हैं और उन्हीं पीड़ितों की आवाज हैं। उनका कहना है कि अत्याचार का विरोध करते समय किसी ने हमारा साथ नहीं दिया, सिवाय बीजेपी के… इसलिए जब उन्हें बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया, तो मैंने भी बशीरहाट की भलाई और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए मैदान में उतरने का फैसला कर लिया। रेखा पात्रा कहती हैं कि मैं गाँव की साधारण महिला हूँ। मुझे राजनीति की जानकारी नहीं है। मैं सिर्फ संदेशखाली की माँ-बहनों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से राजनीति में आई हूँ। मैंने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि मैं राजनीति करूँगी….”
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