इटली में जहाँ एक ओर पश्चिम का मीडिया वहां की प्रधानमंत्री को लेकर नाजी आदि के फतवे निकाल रहा है तो वहीं बहुत कुछ ऐसा भी हो रहा है, जिस पर विमर्श नहीं हो रहा है। शरणार्थी मुस्लिम जिस प्रकार से वहां पर हरकतें कर रहे हैं, वह बहुत ही चौंकाने वाली है, परन्तु चौंकाने से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि इन पर चर्चा ही नहीं हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय विमर्श उन घटनाओं और उनके पीछे की कट्टरता पर हो ही नहीं रहा है।
20 अक्टूबर 2022 को इटली में एक ऐसी घटना हुई है, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इटली में एक बांग्लादेशी मुस्लिम शरणार्थी ने एक महिला पुलिस कर्मी के साथ बलात्कार किया है। इटली की मीडिया के अनुसार नेपल्स में एक बंगाली आदमी को एक महिला पुलिस कर्मी के साथ बलात्कार एवं हत्या के प्रयास के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
मीडिया के अनुसार
“पीड़िता फ्लाइंग टीम की एक पुलिसकर्मी है, जो आधी रात को दकुमनी पुलिस स्टेशन में अपनी शिफ्ट खत्म करने के बाद कार्यालयों से एक सुनसान इलाके की ओर गयी जहां उसकी कार खड़ी थी। अजनबी ने महिला का पीछा किया और पीछे से उस पर हमला करने के लिए अँधेरे का फायदा उठाया।
पुलिसकर्मी के सिर पर पहले पत्थर से वार किया और फिर दुष्कर्म किया। बलात्कारी वहां से चला गया और सदमे से उबरने पर महिला ने मदद मांगी। एक 118 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और हमले और दुर्व्यवहार के शिकार को नेपल्स के कार्डरेली अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया। सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उसका उपचार किया गया और फिर कुछ निगरानी रखने के बाद आज सुबह पुलिसकर्मी को छुट्टी दे दी गई।“
इस घटना से हर कोई इसलिए स्तब्ध है क्योंकि यह एक पुलिसकर्मी के साथ हुआ है।
वहीं पुलिस के अनुसार रूबेल मतबार, बांग्लादेश के मद्रिपुर के कल्किनी उपजिला से है और उसकी इटली में रहने की वैधता भी समाप्त हो गयी थी। मगर फिर भी वह वहां पर रह रहा था। मीडिया के अनुसार
“चार-पांच साल पहले मतबार लीबिया के रास्ते इटली आया था और बाद में इटली से कानूनी दस्तावेज हासिल किए। हालांकि, प्रवासी समुदाय के अनुसार, पुलिस ने विभिन्न अनैतिक गतिविधियों के लिए उसके कानूनी दस्तावेजों को जब्त कर लिया, जिसने उसे एक अनियमित अप्रवासी बना दिया।
आरोपी पहले इटली के कैलाब्रिया शहर में रहने के दौरान दंगों सहित कई दुष्कर्मों में शामिल था। बाद में पुलिस द्वारा उसके कागजात जब्त करने के बाद वह नपोली चला गया”
पुलिस के अनुसार मतबार ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
25 अक्टूबर को इटली के एक नागरिक को उत्तरी अफ्रीका के शरणार्थियों ने सिगरेट न देने के कारण चेहरे पर ही बोतलों से मारा था
ऐसा नहीं है कि बांग्लादेशी शरणार्थी ही आम इटली के नागरिकों को प्रताड़ित कर रहे हैं, बल्कि एक ट्वीट के अनुसार इटली के एक नागरिक को उत्तरी अफ्रीकी शरणार्थियों ने केवल इस बात पर पीटा और मरणासन्न कर दिया क्योंकि उसके पास सिगरेट नहीं थी
twitter पर ऐसी तमाम घटनाएं लोगों ने साझा की है, जिसमें एक और घटना बहुत चौंकाने वाली है, जिसमें एक पोलैंड के युवा दंपत्ति पर रिम्मी बीच पर हमला किया गया था, जिसमें आदमी को पीट पीट कर बेहोश कर दिया था एवं उसकी बीवी के साथ बलात्कार किया था
इतना ही नहीं एक गर्भवती कोरोनावायरस नर्स के साथ भी अवैध मुस्लिम प्रवासियों ने तब बलात्कार किया था जब वह अपने काम के बाद बस की प्रतीक्षा कर रही थी।
मीडिया के अनुसार नर्स ने कहा था कि उसका बलात्कार करने वाले ने कहा कि वह चुप रहे और शोर न करे, जो वह कर रहा है उसे वह करने दे! उसने कहा कि वह उससे दोगुने आकार का था!
मीडिया के अनुसार
नर्स ने बताया कि वह अपनी बस के लिए एक घंटे से इंतजार कर रही थी क्योंकि वायरस के चलते सेवाओं में भारी कटौती की गई है।
ला रिपब्लिका के अनुसार उसने कहा कि उसका हमलावर – सेनेगल का एक अवैध प्रवासी था, वह बाड़ फांदकर उसके पास आया और उसके पास आया”
उसे लगा कि वह आदमी उसका पर्स लेने आया है, तो उसने उस आदमी को अपना पर्स दिया, लेकिन उसने उसे जमीन पर पटक दिया और अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया।
उसने कहा: “वह हर जगह अपना हाथ रखता और गुस्सा करता क्योंकि मैं अपना बचाव कर रही थी।”
नर्स ने कहा कि उसने उस आदमी को बताया कि वह गर्भवती थी और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन इससे हमला नहीं रुका।“
ऐसी अनेक घटनाएं twitter पर हैं, जिनमें से कईयों के लिंक अब खुल नहीं रहे हैं, परन्तु ट्विटर पर हैं। अपराध समस्या नहीं हैं, उन्हें तो क़ानून व्यवस्था के माध्यम से हल किया जा सकता है, परन्तु समस्या है, उनका विमर्श में न आ पाना, उन पर चर्चा न होना, उनके कारणों और मानसिकता पर चर्चा न होना! और उसके चलते ऐसे अपराधों की संख्या में दिनों दिन वृद्धि होते जाना!
भारत में मजहबी कट्टरता के चलते हिन्दू लड़कियों पर हमले होते हैं, तो इसे हिन्दुओं की घृणा कहकर मामले को दबाया जाता है, मगर अब यूरोप को उसी के विमर्श की सजा मिल रही है, देखना होगा कि वह लोग मजहबी कट्टरता का सामना कैसे करते हैं?
इटली में जो हो रहा है, वही पूरे यूरोप में हो रहा है, परन्तु विमर्श में कितना आ पाता है, यह देखने की बात है!
Europe is now bearing brunt of giving asylum to Islamic people.
इस वैश्विक समस्या से हर देश को जूझना है वह भी लगभग हर देश एक ही समुदाय विशेष के लोगों की घृणित मानसिकता से ग्रस्त हैं। दिन पर दिन यह स्थिति भयावह होती जा रही है। अगर मंथन नहीं किया गया या रोकने के उपाय नहीं किए गये तो परिणाम अनियंत्रित होते जायेंगे।