“न होगी गिरफ्तारी, न मिलेगी कोई सजा: बांग्लादेश में जिन इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदुओं पर किए तमाम अत्याचार, उन्हें युनूस सरकार ने दिया ‘कानूनी कवच’ ”, ऑपइंडिया, अक्टूबर 29, 2024
“बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के बाद की स्थिति अब और भी खतरनाक होती जा रही है। शेख हसीना के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद हिंदुओं, बौद्धों, अहमदियों को बांग्लादेश में धार्मिक और मजहबी पहचान के लिए इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया गया, लेकिन अब मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने उन कथित छात्रों (इस्लामिक कट्टरपंथियों) को कानूनी संरक्षण देने का फैसला किया है, जिन्होंने पूरे बांग्लादेश में उथल-पुथल मचाई थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली नई सरकार ने 15 जुलाई से 8 अगस्त के बीच हुए प्रदर्शनों में शामिल ‘प्रदर्शनकारियों’ को किसी भी सजा से मुक्त रखने का आदेश जारी किया है। यूनुस सरकार के इस कदम से विवाद भी पैदा हो रहा है, क्योंकि कई लोग इसे उस समय की हिंसा के लिए जिम्मेदारी से बचने का तरीका मानते हैं। इस नियम की व्याख्या को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इससे यह आशंका है कि यह गंभीर अपराधों में शामिल लोगों को भी सुरक्षा दे सकता है, क्योंकि इस दौरान बहुत सारे मजलूमों को भी निशाना बनाया गया।
बता दें कि ‘छात्र-नेतृत्व वाले’ आंदोलन में सैकड़ों लोग मारे गए, लेकिन जो लोग इस हिंसा से प्रभावित हुए हैं, उन्हें डर है कि नए अधिकारियों द्वारा किया गया ‘न्याय का वादा’ अब उन्हें न्याय नहीं देगा……”
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