“अर्थव्यवस्था को बल देगा महाकुंभ, होगा आध्यात्मिक चेतना का भी विकास”, दैनिक जागरण, जनवरी 18, 2025
“महाकुंभ को भव्य एवं सुगम बनाने पर सरकार द्वारा लगभग 7000 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। इस निवेश से न सिर्फ तीर्थाटन और रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि इसके गुणक प्रभाव से उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रयागराज की देश के विभिन्न हिस्सों से कनेक्टिीविटी बढ़ाने के लिए ही भारतीय रेलवे ने 3000 विशेष ट्रेनों को चलाया है।
डॉ. सुरजीत सिंह। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का केवल धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ही विशेष महत्व नहीं है। यह अर्थव्यवस्था को भी एक नई उड़ान देने वाला भी है। इस महाकुंभ में विज्ञान, संस्कृति और अध्यात्म का अदभुत संगम दिखाई दे रहा है। पारंपरिक परंपराओं के अस्तित्व से अनुकूलन करता महाकुंभ समय के साथ आधुनिकता की ओर बढ़ता दिख रहा है।
यूनेस्को द्वारा 2017 में कुंभ मेले को मानव जाति की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दिए जाने के बाद से यह आयोजन विश्व के लोगों के लिए और आकर्षण का केंद्र बन गया है। कुंभ उनके लिए सदैव शोध एवं जिज्ञासा का विषय रहता है कि कैसे बिना निमंत्रण के ही इतने अधिक लोग एक साथ एक जगह एकत्रित हो जाते हैं…..”
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