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Thursday, April 25, 2024

अजमेर दरगाह के खादिम सरवर चिश्ती के बेटे ने हिंदू देवी-देवताओं पर उगला ज़हर, वहीं अब्बा दे रहा है गंगा-जमुनी तहजीब पर ज्ञान!

नूपुर शर्मा के कथित विवादित वक्तव्य के बाद हुए कन्हैयालाल हत्यकांड के बाद एकाएक जैसे अजमेर में भानुमति का पिटारा ही खुल गया है। आभासी गंगा जमुनी तहजीब का झंडा उठाने वाले अजमेर दरगाह के खादिमों ने तो जैसे हिन्दुओ और उनके देवी देवताओं के विरुद्ध अनर्गल टिप्पणियां करने की कसम ही खा ली है। खादिम गौहर चिश्ती, सलमान चिश्ती और सरवर चिश्ती ने एक के बाद एक भड़काऊ वक्त्तव्य दिए जा रहे हैं और इस कारण हिन्दुओ की तरफ से भी आक्रामक प्रतिक्रिया देखने को मिली है।

ऐसा बताया जा रहा है कि इन भड़काऊ वक्तव्यों के बाद अजमेर, शिरडी और अन्य मजारों पर जाने वाले हिन्दुओं की संख्या में जबरदस्त गिरावट आयी है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि खादिमों ने इससे कोई सबक नहीं लेने का ठान रखा है। एक नए मामले में सरवर चिश्ती के बेटे आदिल चिश्ती का एक विडियो सोशल मिडिया पर वायरल हो रहा है।

यह वीडियो 23 जून का है, इसमें आदिल चिश्ती भगवान विष्णु के दस अवतार और 33 करोड़ देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां करता दिख रहा है। इस वीडियो में आदिल ने हिन्दू देवी देवताओं को जानवर कहा है, उनके अस्तित्व पर भी सवाल उठाये हैं। वीडियो में वह कह रहा है कि 33 करोड़ देवी-देवताओं के अस्तित्व का तर्क सही नहीं है। उसने कहा कि नुपुर शर्मा यह बताए कि क्या भगवान विष्णु के दस अवतार होने की बात तार्किक है। वीडियो में उसने कहा कि देवी-देवताओं की बात करने वालों को इनके होने या नहीं होने का तर्क देना चाहिए। 

अजमेर दरगाह बनी हिन्दू विरोधियों का अड्डा

अजमेर की दरगाह हमेशा से विवादों में ही रहती आयी है। दुनियाभर में प्रसिद्ध अजमेर दरगाह शरीफ में खादिमों का प्रभुत्व रहा है, इन लोगो की एक संस्था है अंजुमन, और सैयद सरवर चिश्ती इसके सचिव हैं। पिछले दिनों ही अजमेर शरीफ की दरगाह से जुड़े लोगों के ऐसे कई वीडियोज सामने आ चुके हैं जिससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचे। ‘अजमेर शरीफ दरगाह’ की अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती के बारे में भी बड़ा खुलासा हुआ है। चिश्ती पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से सम्बन्ध होने का आरोप लगा है, वहीं उनके पीएफआई का सदस्य होने की बात सामने आई है।

कुछ ही दिनों पहले ‘अजमेर शरीफ दरगाह’ की अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने एक ऐसे आंदोलन की चेतावनी दी थी जो ‘भारत को हिला देगा’। उस समय उन्होंने कहा था कि अगर पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया गया तो मुसलमान एक आंदोलन शुरू करेंगे जो भारत को झकझोर देगा। ये विषय अभी थमा भी न था कि उनके बेटे ने ‘हिन्दू देवी-देवताओं’ के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिया।

वीडियो के वायरल होते ही इसका विरोध शुरू हो गया और लोगो ने पुलिस को इस विषय पर कार्यवाही करने का आग्रह किया। वहीं राजनीतिक दलों की बात की जाए तो भाजपा ने इसका मुखर हो कर विरोध किया है। पुलिस के अनुसार इस विषय की जांच शुरू हो चुकी है।
बताया जा रहा है कि आदिल चिश्ती खुद के यूट्यूब चैनल पर हमेशा ऐसे विवादित वीडियो डालता रहता है, और फिर उन्हें अपने लोगो की सहायता से सोशल मीडिया पर वायरल भी करवाता है।

सरवर चिश्ती ने हिन्दूों के शान्ति अभियान में भी भाग लिया

अजमेर शरीफ के खादिमों ने अपना असली रंग दिखाया है, और यही इन लोगों की मानसिकता सैंकड़ो वर्षों से रही है। हालांकि हमे यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं लग रही कि इन लोगो की छद्म आचरण, सामरिक समझ और विक्टिम कार्ड खेलने की क्षमता हिन्दुओं से कहीं अधिक है। इसी का एक उदाहरण मंगलवार को दिखा, जब हिन्दुओं द्वारा आयोजित एक शान्ति प्रदर्शन में सरवर चिश्ती ने भाग लिया।

चिश्ती ने हिन्दू मुस्लिमों में सद्भाव की बात की, और कहा कि दोनों समुदायों को शान्ति से रहना चाहिए। यह वही चिश्ती हैं जो कुछ दिन पहले हिन्दुओ के बहिष्कार की बात कर रहे थे, इनका बेटा हिन्दू देवी देवताओं का अपमान कर रहा था। लेकिन इन्ही लोगो को हिन्दू अपने शान्ति प्रदर्शन में बुलाते हैं, और फिर यह लोग गंगा-जमुनी तहजीब पर ज्ञान बांटते हैं। दोहरे मापदंडों का इससे बुरा उदाहरण कहीं हो सकता है?

इस बात पर भी लोग हैरानी व्यक्त कर रहे हैं कि आखिर ऐसा कैसे किया जा सकता है कि हिन्दुओं की गर्दन काटने की बात करने वाला शांति अभियान में कैसे जा सकता है और कैसे लोग इसे स्वीकार कर रहे हैं?

नूपुर के बयान का बहाना बनाकर की जा रही हैं हिन्दुओं की हत्याएं

नूपुर शर्मा के कथित भड़काऊ वक्तव्य के पश्चात देशभर के कई मौलानाओं के ऐसे वक्तव्य सामने आ रहे हैं जो हिन्दू और मुस्लिमों के बीच तनाव का कारण बन रहे हैं। हाल ही में राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की हत्या भी यह कहकर कर दी गई कि उसने नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। कन्हैयालाल की हत्या दो कट्टर मुस्लिमों ने की थी, इसके पश्चात महाराष्ट्र के अमरावती में एक केमिस्ट उमेश कोल्हे की भी हत्या सिर्फ इसी वजह से कर दी गई थी।

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