“आगरा धर्मांतरण कांड: मुख्य आरोपी की फरारी पर बढ़ा आक्रोश, जानें क्यों बजरंग दल ने दिया 7 दिन का अल्टीमेटम?”, नवभारत टाइम्स, नवंबर 01, 2025
“ताजनगरी के शाहगंज थाना क्षेत्र के बहुचर्चित अवैध मतांतरण मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। दो महीने पहले आठ आरोपियों की गिरफ्तारी और कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बावजूद मुख्य आरोपी पास्टर कंचन मित्तल और अमित चावला के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न होने से आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वादी ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए जांच एसटीएफ को सौंपने की मांग की है, जबकि बजरंग दल ने सात दिन का अल्टीमेटम देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
वादी का पुलिस पर गंभीर आरोप
वादी घनश्याम हेमलानी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शाहगंज पुलिस पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि पास्टर कंचन मित्तल अभी भी खुलेआम चंगाई सभाएं आयोजित कर रही हैं और लोगों को लालच देकर धर्म बदलने के लिए उकसा रही हैं। पुलिस को बार-बार सूचनाएं देने और पूरे साक्ष्य मुहैया कराने के बावजूद मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे। हेमलानी ने आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, जिससे धर्मांतरण का रैकेट फल-फूल रहा है।
पंजाब-महाराष्ट्र से जुड़े तार
हेमलानी ने खुलासा किया कि यह मामला अंतरराज्यीय नेटवर्क से जुड़ा है। दो महीने पहले गिरफ्तार मुख्य आरोपी राजकुमार लालवानी (शाहगंज निवासी) को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई, जिसमें उसने पंजाब के अंबाला निवासी पास्टर कंचन मित्तल और अमित चावला के नाम उगले। पुलिस पूछताछ के लिए अंबाला तक पहुंची, लेकिन वहां से लौटकर कोई कार्रवाई नहीं की। वादी ने मांग की कि शाहगंज पुलिस से जांच हटाकर एसटीएफ को सौंपी जाए, ताकि पूरे धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ हो सके और पंजाब व महाराष्ट्र तक फैले तारों का पता लगाया जा सके…..”
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