हैदराबाद के एक कॉलेज से हिन्दू छात्र को जबरन अल्लाह-हू-अकबर कहलवाने और मारपीट करने का एक मामला सामने आया है। पीड़ित युवक ने स्वयं पुलिस को इस घटना के बारे में शिकायत की और इस मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो गया है । इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ जिहादी युवक एक हिन्दू युवक से जबरन अल्लाह-हू-अकबर कहलवा रहे हैं और नहीं कहने पर मार रहे हैं।
यह मामला हैदराबाद के आईसीएफएआई फाउंडेशन फॉर हायर एजुकेशन का है । पीड़ित छात्र का नाम हिमांक बंसल है और वह यूनिवर्सिटी में बीबीए-एलएलबी का छात्र है। उसके साथ कुछ जिहादी युवकों ने पिटाई की और अल्लाह-हू-अकबर कहने के लिए बाध्य किया। इस प्रकरण के पश्चात एक बार पुनः धार्मिक असहिष्णुता को लेकर बहस का बाजार गर्म हो गया है।
सोशल मीडिया पर लोग इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं और साथ ही आरोपियों के विरुद्ध कड़ी विधिक कार्यवाही की मांग भी जोर पकड़ रही है। पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है।
हिमांक बंसल ने पुलिस से संपर्क कर प्राथमिकी भी दर्ज कराई है । उन्होंने प्राथमिकी में अपनी मित्र दीपाशा शर्मा का वर्णन किया है, जिसने हिमांक को खुद से तीन वर्ष छोटी युवती से मित्रता करने पर ‘पीडोफाइल’ बताया था। जिसके बाद हिमांक ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उसने अपने से तीन साल छोटी लड़की से यौन संबंध स्थापित करने के लिए मित्रता नहीं की है।
अपनी बातों की पुष्टि करने के लिए बंसल ने कुरानों के आयातों का भी हवाला दिया और कहा कि उनकी कोई गलत मंशा नहीं थी। जिसके बाद दीपाशा ने हिमांक की बातों को कॉलेज के दूसरे छात्रों तक पहुंचा दिया, और इसे गैर इस्लामिक रूप दे दिया।
हिमांक ने अपनी शिकायत में कहा कि इसके पश्चात 15 से 20 लड़के जबरन कॉलेज में घुसे और उन्होंने मुझ पर हमला किया। इनमे से अधिकाँश मुस्लिम लड़के थे, और वह उससे जबरन अल्लाह हू अकबर के नारे लगवाने लगे। इतना ही नहीं, हमलावरों ने हिमांक को निर्वस्त्र करने का भी प्रयास किया। हिमांक ने अपनी शिकायत इस पूरे प्रकरण को विस्तार से बताया है और अपने साथ हुए अत्याचार से स्तब्ध भी हो गए हैं।
अपने पत्र हिमांक ने आगे कहा कि शुरुआत में उसे नहीं पता चला कि वो लोग उसे क्यों मार रहें है। हालांकि कुछ समय के बाद पूछताछ के बाद उन लोगों ने बताया कि मैंने गलती से पैगंबर मोहम्मद के विरुद्ध कुछ विवादित टिप्पणी कर दी थी, जिससे गुस्साए इन लोगो ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
मारपीट के कारण हिमांक के दाहिनी आंख के नीचे गंभीर चोट आई है, और सिर में भी काफी सूजन आ गई थी। थप्पड़ और घूसों से पिटाई के कारण उनकी नाक में दर्द है। उन लोगों ने हिमांक को धमकी दी है कि, यदि कॉलेज प्रबंधन को इसकी जानकारी दी तो वे जान से मारकर लाश को फेंक देंगे।
पुलिस ने इस घटना के संदर्भ में सभी वीडियो सहित अन्य साक्ष्य इकठ्ठा कर ली है। वहीं, पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेने के बाद आरोपियों के खिलाफ 2011 के रैगिंग निषेध अधिनियम के 307, 342, 450, 323, 506, आर/डब्ल्यू 149, आईपीसी, और धारा 4 (I), (II), और (III) के प्रावधानों के अंतर्गत शिकायत भी दर्ज कर ली है। पुलिस ने आश्वस्त किया है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अब यह देखना होगा कि इस विषय में पुलिस और प्रशासन आरोपियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई करते हैं। यह देखने में आता है कि जब पीड़ित कोई मुस्लिम होता है तब प्रशासन और राजनीतिक दल एक साथ हो कर उनका समर्थन करते हैं। यहाँ आधी अधूरी जानकारी पर एक हिन्दू छात्र को पीटा गया है, क्या अब भी असहिष्णुता की बात की जायेगी? या इन सब पर मात्र मुस्लिमों का ही एकाधिकार रह गया है?