भगवान श्री राम का मजाक उड़ाते हुए फिर से unacademy ने एक कुकृत्य किया है। रामायण का उपहास उड़ाते हुए एक वीडियो सामने आया है। उसमें बहुत ही बेहूदे तरीके से रामायण को दिखाया गया है। वीडियो को पिछले वर्ष के नीट के टोपर शोएब आफ़ताब ने होस्ट किया है। रचनात्मकता के नाम पर इस हद तक बेहूदा मजाक रामायण के साथ किया गया है।
बांग्लादेश में हिन्दू केवल इसलिए ही मारे जा रहे हैं, क्योंकि किसी मुस्लिम ने अफवाह उड़ाई कि दुर्गा माँ के पंडाल में कुरआन का अपमान हो रहा है। कल रात तक मन्दिरों को तोडा जा रहा था। न जाने कितने हिन्दू मारे गए हैं। और भारत में कुंडली बॉर्डर पर एक दलित की केवल इसलिए तालिबानी शैली में हत्या कर दी गयी थी क्योंकि उसने कथित रूप से गुरु ग्रन्थ साहिब का अपमान किया था।
पर यह भारत है जहाँ पर कोई भी शोएब आफताब और unacademy हिन्दुओं का अपमान कर सकती हैं।
रामायण के प्रति इतनी छिछोरी भाषा का प्रयोग किया गया है। अभी हमने हाल ही में समाचार पढ़ा था कि दशरथ की भूमिका निभाते हुए ही एक व्यक्ति का स्वर्गवास हो गया था। वह अपनी भूमिका में राम राम को पुकार लगा रहे थे कि उनका देहांत हो गया। वह राम को पुकारने में इतना खो गए! बिजनौर जिले के गाँव हसनपुर में 14 अक्टूबर को दशरथ की भूमिका निभा रहे राजेन्द्र सिंह वास्तव में ही राम को पुकारते पुकारते परलोक चले गए।
यह राम के प्रति भक्ति की पराकाष्ठा है, वह पिछले कई वर्षों से दशरथ की भूमिका निभा रहे थे।
और एक ओर इन कथित पढ़े लिखे हिन्दू बच्चों ने, जिनके पेशे में संवेदनशीलता ही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, वह इतने संवेदनहीन है कि लोक में बसे राम और दशरथ का ऐसा उपहास?
हालांकि अब वीडियो को प्राइवेट कर दिया है क्योंकि यह वीडियो सामने आने के बाद से ही लोग गुस्से में हैं और पूछ रहे हैं कि क्या यही रचनात्मकता ईद और क्रिसमस पर मिलेगी? ईद, क्रिसमस और अब सिखों से जुड़े त्योहारों पर कुछ नहीं होगा क्योंकि सभी को पता है कि उनके सिर उनके तन से अलग हो जाएंगे। पर हिन्दुओं का मज़ाक उड़ाना है?
एकेडमिक्स में जिस प्रकार से हिन्दुओं के ग्रंथों को मिथक साहित्य कहकर प्रस्तुत किया जाता है और अन्य धार्मिक ग्रंथों को धार्मिक ग्रन्थ, उससे बच्चों के मन में अपने किसी भी ग्रन्थ के प्रति आदर नहीं उत्पन्न होता है। समस्या एकेडमिक्स ही है। परन्तु सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि यह जो नए प्रशिक्षित हो रहे डॉक्टर हैं, क्या उनके भीतर इतनी संवेदनशीलता अपने उस लोक के प्रति नहीं है, जिनका वह इलाज करने जाएंगे?
और वह इस मानसिकता के साथ क्या इलाज करेंगे, कैसे इलाज करेंगे? क्या वास्तव में एलॉपथी को ईसाई बनाने का आरंभ हो चुका है जैसा कि पहले से प्रयास हो रहा है? ऐसे कई प्रश्न हैं, परन्तु प्रश्न अभी unacademy पर भी है क्योंकि यह इसकी आदत है, धार्मिक आधार पर विद्वेष फैलाना या कहें हिन्दू विरोध करना।
इसमें कहा गया है कि unacademy का इतिहास रहा है, यह क्या इतिहास है? इन्होनें पहले एक ऐसा कांसेप्ट रचा था, जो भारत तो क्या पूरी दुनिया में कहीं नहीं था। इन्होनें एक मौक टेस्ट में यह प्रश्न किया था कि ईद पर मुसलमानों पर हिन्दू पत्थर फेंकते हैं! जब गुस्सा बढ़ा तो वह पेपर वापस ले लिया था और क्षमा माँगी थी! और हिन्दुओं में क्षमाशीलता होती है, उन्होंने एक नैरेटिव वार के प्रथम विमर्श को स्वीकार कर लिया। जबकि इनकी हिम्मत यह लिखने की नहीं होती है कि जुमे की नमाज के बाद कश्मीर में हिन्दुओं पर चुन चुनकर हमले होते थे।
ऐसे सभी शिक्षण संस्थान आने वाले समय में हिन्दू घृणा के नए केंद्र तो नहीं हो जाएँगे?
अभी यह बात कहने में अतिश्योक्ति लग सकती है, परन्तु यह बात सत्य है कि जितने भी ऐसे प्लेटफ़ॉर्म हैं, इस बात की पूर्ण आशंका है कि यही आने वाले समय में हिन्दू घृणा का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरेंगे। जैसा हम अभी भी देखते हैं कि सॉफ्ट तरीके से हिन्दू बच्चों के मन में हिन्दू परिवार, हिन्दू धर्म की पद्धतियों के विषय में जहर भरा जा रहा है।
कभी किसी तरीके से तो कभी किसी विषय पर, यह लोग ऐसा ही करेंगे, रिफार्म अर्थात सुधार के नाम पर हिन्दू धर्म की चुन चुनकर बुराई करेंगे और जिसकी परिणिति ऐसे ही वीडियो या फिर प्रश्नपत्र होंगे। क्योंकि जो भी लोग निकल रहे हैं, वह इसी मानसिकता से शिक्षित होकर निकल रहे हैं, कि हिन्दू धर्म कुछ नहीं है, बल्कि एक संस्कृति या वे ऑफ लाइफ है और शेष एक धर्म है, एक किताब से संचालित होने वाले। एक संगठित इकाई!
तो जिसमें कोई नियत नियम नहीं हैं, वह कोई इकाई कैसे हो सकता है, इसलिए उसके भगवान को आप मिथक कह सकते हैं, उनका उपहास उड़ा सकते हैं और नैरेटिव युद्ध में हिन्दुओं को ही प्रताड़ित करने वाला साबित कर सकते हैं।
परन्तु अभी unacademy को यह उत्तर देना ही होगा कि आखिर ऐसा क्यों किया गया?
और यूजर ट्रेंड कर रहे हैं AntiHinduUnacademy
जो वह वास्तव में अब होती जा रही है!
Hindus should do the same as Muslims would have done if Muhammad were mocked by a Hindu!